उत्तर भारत के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब सप्ताह में मंगलवार और बृहस्पतिवार को दी जा रही ऑफलाइन सेवा को अचानक बंद कर दिया गया है। इस सेवा के तहत वे आवेदक जो बिना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के सीधे कार्यालय पहुंचते थे, अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते थे। लेकिन मंगलवार को कई लोग जब कार्यालय पहुंचे तो उन्हें यह जानकर निराशा हाथ लगी कि अब यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
क्या थी यह ऑफलाइन सेवा?
पासपोर्ट कार्यालय की ओर से सप्ताह में दो दिन – मंगलवार और बृहस्पतिवार को – ऑफलाइन मोड में आवेदकों की शिकायतों का समाधान किया जाता था। ये वे लोग होते थे जो किसी वजह से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट नहीं ले पाते थे या तत्काल समस्या के समाधान के लिए सीधे पासपोर्ट कार्यालय पहुंचते थे।
इस सेवा के चलते बुजुर्ग, दिव्यांग, ग्रामीण क्षेत्र के लोग और तकनीकी जानकारी से वंचित व्यक्ति आसानी से पासपोर्ट से संबंधित सहायता प्राप्त कर लेते थे। परंतु अब यह सहूलियत खत्म कर दी गई है।
मंगलवार को सेवा क्यों हुई बंद?
मंगलवार को जब कई आवेदक अपने दस्तावेज लेकर कार्यालय पहुंचे, तो उन्हें भीतर जाने तक की अनुमति नहीं दी गई। लोगों ने बार-बार निवेदन किया, पर कार्यालय के गेट बंद रखे गए। इससे गुस्साए लोग नाराज होकर बाहर गर्मी में खड़े रहे। भीषण गर्मी ने परेशानी को और बढ़ा दिया।
इस बारे में जब जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऑफलाइन सेवा को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
कारण क्या बताया गया?
कार्यालय की ओर से इसके पीछे कई कारण गिनाए गए:
ऑफलाइन सेवा के दौरान बार-बार अव्यवस्था उत्पन्न होती थी।
कई बार कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार की घटनाएं सामने आईं।
लोगों की भीड़ इतनी होती थी कि कर्मचारियों को देर रात तक कार्यालय में रुकना पड़ता था।
कई बार सुरक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ा।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पासपोर्ट विभाग ने फैसला लिया कि अब केवल ऑनलाइन सेवा के जरिए ही सभी कार्य किए जाएंगे।
क्या सभी के लिए बंद हुई सेवा?
नहीं, कुछ विशेष वर्गों के लिए थोड़ी राहत दी गई है।
10 दिव्यांग और बुजुर्ग आवेदकों को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा।
उनके लिए यह सेवा अभी भी चालू रहेगी ताकि उन्हें कठिनाई न हो।
लेकिन बाकी सभी लोगों को अब ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करके ही कार्यालय आना होगा।
ऑनलाइन सेवा कब तक उपलब्ध रहेगी?
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुकिंग की सुविधा सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहेगी।
आवेदक पासपोर्ट सेवा की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से स्लॉट बुक कर सकते हैं।
इससे बेहतर प्रबंधन और समय पर काम होने की उम्मीद है।
क्या लोगों को पहले से जानकारी दी गई थी?
इस सवाल पर विभाग का कहना है कि:
कार्यालय के बाहर सूचना पट्ट लगा दी गई है।
सोशल मीडिया पर विशेषकर ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर भी जानकारी साझा की गई है।
हालांकि, आवेदकों का कहना है कि सूचना अपर्याप्त थी और अगर पहले ही वेबसाइट या SMS के माध्यम से लोगों को बता दिया गया होता, तो वे दूर-दूर से यात्रा करके समय और पैसा बर्बाद न करते।
आवेदकों की नाराजगी
कई लोग गुस्से में नजर आए। कुछ ने कहा कि बुजुर्गों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए यह फैसला अनुचित है। तकनीकी जानकारी न होने की वजह से वे ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर पाते।
एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा –
> “हम हर बार किसी से मदद मांगते हैं बुकिंग के लिए, कभी OTP नहीं आता तो कभी स्लॉट नहीं मिलता। अब अगर सीधे भी नहीं जा सकते, तो पासपोर्ट कैसे बनवाएं?”
एक अन्य महिला आवेदक ने बताया कि वह सुबह 5 बजे ट्रेन पकड़कर आई थीं, लेकिन उन्हें कार्यालय के गेट पर ही रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं अचानक नहीं होनी चाहिए।
निष्कर्ष
इस बदलाव से जहां एक तरफ प्रशासनिक दृष्टिकोण से भीड़ प्रबंधन और अनुशासन बेहतर होगा, वहीं दूसरी ओर समाज के कमजोर वर्गों के लिए यह एक बड़ी मुश्किल बनकर सामने आया है। यदि ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और ग्राम स्तर पर सहायता केंद्र खोले जाएं, तो यह परिवर्तन अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बन सकता है।
- सरकार और पासपोर्ट विभाग से अपेक्षा है कि वह इस व्यवस्था में लचीलापन रखें, ताकि किसी जरूरतमंद को उसका मौलिक अधिकार – पासपोर्ट – प्राप्त करने में कोई बाधा न हो।