टिहरी जिले के थत्यूड़ मोटर मार्ग पर एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई। देर रात हुई इस घटना में एक डंपर वाहन अनियंत्रित होकर लगभग 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। वाहन में अकेला चालक सवार था, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान रितेश पुत्र रघुदास, निवासी ग्राम बागी जौनसार के रूप में हुई है।
हादसा थत्यूड़-बंदरकोट मार्ग पर हुआ, जो क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण ग्रामीण सड़क मानी जाती है। बताया जा रहा है कि बंदरकोट से करीब दो किलोमीटर आगे अचानक सड़क का एक हिस्सा ढह गया। सड़क की दीवार कमजोर होने के कारण डंपर का संतुलन बिगड़ा और वह सीधे खाई में जा गिरा। हादसा इतना भयानक था कि डंपर कई बार पलटता हुआ नीचे जा पहुंचा और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों ने की मदद की कोशिश
घटना के समय पास से गुजर रहे अन्य वाहन चालकों ने तुरंत दुर्घटना को देखा और सहायता के लिए प्रयास शुरू कर दिए। उन्होंने डंपर के नीचे फंसे चालक को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन भारी वाहन और अंधेरे के कारण सफलता नहीं मिल सकी। वाहन चालकों ने तत्परता दिखाते हुए रात्रि में ही 112 नंबर पर पुलिस को सूचित किया।
रेस्क्यू अभियान चला कर निकाला गया शव
सूचना मिलते ही कैपटी पुलिस, नैनबाग चौकी की टीम, एसडीआरएफ डाकपत्थर इकाई और 108 एंबुलेंस सेवा मौके पर पहुंच गई। मौके की स्थिति को देखते हुए रेस्क्यू टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अंधेरा, उबड़-खाबड़ इलाका और डंपर की भारी संरचना ने बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया। घंटों की मशक्कत के बाद अंततः चालक के शव को बाहर निकाला जा सका।
सड़क की हालत बनी हादसे का कारण
स्थानीय लोगों का कहना है कि थत्यूड़-बंदरकोट मार्ग की हालत लंबे समय से खराब है। कई जगहों पर सड़क की चौड़ाई कम है और सुरक्षा के लिए दीवार या रेलिंग जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। बारिश और भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क की दीवारें अक्सर ढह जाती हैं, जिससे इस तरह के हादसों की आशंका बनी रहती है।
ग्रामवासियों ने प्रशासन से इस सड़क की मरम्मत और सुरक्षा उपायों की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सड़क की सही देखरेख होती और दीवार मजबूत होती, तो शायद यह जान नहीं जाती।
प्रशासन की ओर से जांच के आदेश
दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि सड़क की कमजोर दीवार और ढलान पर वाहन का नियंत्रण खो जाना इस दुर्घटना के पीछे मुख्य कारण हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आवश्यक कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक रितेश की मौत की खबर मिलते ही उसके गांव बागी जौनसार में शोक की लहर दौड़ गई। रितेश परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उसकी असामयिक मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे दुख में डाल दिया है। गांव के लोग प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं ताकि परिवार को कुछ राहत मिल सके।
सड़क सुरक्षा की मांग दोहराई गई
इस हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि अब मांग कर रहे हैं कि ऐसे संवेदनशील मार्गों पर रेलिंग, चेतावनी बोर्ड और नियमित निरीक्षण की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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निष्कर्षतः, टिहरी में हुआ यह हादसा केवल एक व्यक्ति की मौत की खबर नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। जब तक शासन-प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाएगा, तब तक ऐसे हादसे
टलते नहीं, दोहराए जाते रहेंगे।