उत्तराखंड में ग्रामीण लोकतंत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की नई तिथियों की घोषणा कर दी है। इन चुनावों के माध्यम से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे, जो आने वाले वर्षों में गांवों के विकास की दिशा तय करेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को और दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को कराया जाएगा। इन दोनों चरणों के मतदान के बाद मतगणना की प्रक्रिया 31 जुलाई को होगी। मतगणना के बाद परिणामों की घोषणा की जाएगी और इसके बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके पदभार की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।
नामांकन प्रक्रिया की समयसीमा
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन प्रक्रिया 2 जुलाई से प्रारंभ होकर 5 जुलाई तक चलेगी। इस अवधि में इच्छुक उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 6 जुलाई को की जाएगी और नाम वापसी की अंतिम तिथि 8 जुलाई निर्धारित की गई है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
अधिसूचना और आचार संहिता
राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर 30 जून को जिलाधिकारी चुनाव की अधिसूचना जारी करेंगे। इस अधिसूचना के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, जो चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक प्रभावी रहेगी। आचार संहिता के तहत राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और आम नागरिकों को कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। इनमें सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग न करना, किसी प्रकार की जातिगत या धार्मिक भावना भड़काने से बचना और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव प्रक्रिया का संचालन सुनिश्चित करना शामिल है।
मतदान की तैयारियां
चुनाव आयोग ने बताया कि दोनों चरणों के मतदान के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है। राज्य भर में मतदान केंद्रों की संख्या तय कर दी गई है, जहां सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। हर मतदान केंद्र पर आवश्यक सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय, रैम्प और छाया की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदाता सूची को अपडेट करने का कार्य पहले ही पूरा कर लिया है। मतदाताओं को समय से पहले अपने-अपने बूथ की जानकारी प्रदान की जाएगी। इस बार मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और वीडियोग्राफी की व्यवस्था भी की जा रही है।
उम्मीदवारों के लिए दिशानिर्देश
उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। प्रचार सामग्री, रैली आयोजन, लाउडस्पीकर का उपयोग आदि के लिए पहले से अनुमति लेनी होगी। साथ ही, खर्च की सीमा निर्धारित की गई है और इसका नियमित लेखा-जोखा निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। निर्वाचन आयोग चुनाव में धनबल और बाहुबल के प्रयोग को रोकने के लिए सख्त निगरानी रखेगा।
पुलिस प्रशासन की भूमिका
चुनाव की पारदर्शिता और शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस विभाग भी सतर्क हो गया है। सभी जिलों में पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखें और संभावित संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखें। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जाएगी। शांति व्यवस्था में खलल डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मतदाताओं से अपील
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और निडर होकर मतदान करें। आयोग का कहना है कि हर मत कीमती है और इससे गांव, क्षेत्र और जिले के विकास की दिशा तय होती है। मतदाता न तो किसी प्रलोभन में आएं और न ही किसी दबाव में।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव सिर्फ एक चुनावी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह गांवों की आत्मनिर्भरता और विकास के नए रास्तों की नींव रखता है। लोकतंत्र की जड़ें ग्रामीण भारत में सबसे गहरी हैं और इस चुनाव के जरिए उन जड़ों को और अधिक मजबूत किया जाएगा। सभी प्रशासनिक इकाइयों को मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि यह चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो।