उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के तहत बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए इस बार हेली सेवा की टिकट बुकिंग ने एक बार फिर से बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मंगलवार को जब आईआरसीटीसी ने केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की टिकट विंडो खोली, तो कुछ ही मिनटों में हजारों टिकट बुक हो गए। बताया जा रहा है कि महज 40 मिनट में मई महीने के सभी स्लॉट फुल हो गए। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये बाबा केदारनाथ के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है या फिर इसमें कहीं एजेंटों का कोई बड़ा खेल चल रहा है।
जानकारी के अनुसार, इस बार हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए हो रही है। जैसे ही मंगलवार सुबह 12 बजे बुकिंग विंडो खुली, कुछ ही पलों में करीब सात हजार से ज्यादा टिकट बुक हो गए। जबकि एक ही समय में 23 हजार से अधिक लोगों ने बुकिंग की कोशिश की। इतने बड़े पैमाने पर टिकट बुकिंग के बावजूद कई लोग ओटीपी तक नहीं पा सके और देखते ही देखते विंडो बंद हो गई।
यह स्थिति 2022 के उस रेल टिकट घोटाले की याद दिलाती है जब सोशल मीडिया पर उपलब्ध विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद से दलालों ने रेलवे टिकटों का काला कारोबार शुरू कर दिया था। तब कई एजेंट गिरफ्तार हुए थे और हजारों फर्जी आईडी बंद कराई गई थीं। अब केदारनाथ हेली टिकट में ऐसा ही कुछ दोहराया जा रहा है या नहीं, यह जांच का विषय है।
उत्तराखंड सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बुकिंग में उपयोग किए गए आईपी एड्रेस की जानकारी मांगी है ताकि यह साफ हो सके कि टिकट व्यक्तिगत श्रद्धालुओं ने बुक किए या फिर किसी एजेंट नेटवर्क ने इसमें सेंध लगाई है।
आईआरसीटीसी को पिछले साल से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा बुकिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। इसी एकमात्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुकिंग होनी थी। टिकट बुकिंग की प्रक्रिया भी आसान नहीं है, इसमें नाम, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र की जानकारी समेत ओटीपी वेरिफिकेशन की जरूरत होती है। फिर भी इतनी तेज़ बुकिंग होना, कई सवाल खड़े करता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या ये सभी टिकट वास्तव में सच्चे श्रद्धालुओं के पास पहुंचे हैं या फिर दलालों और एजेंटों ने इस पर कब्जा जमा लिया है। आईआरसीटीसी की सुरक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है, यह इस जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। फिलहाल, उत्तराखंड सरकार इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है ताकि भविष्य में बाबा केदार के दर्शन के इच्छुक किसी भी श्रद्धालु को ठगा न जा सके।