उत्तराखंड में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने आम जनजीवन को काफी प्रभावित किया है। बीते 24 घंटों में देहरादून समेत कई इलाकों में तेज बरसात हुई। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को बागेश्वर जिले में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश हो सकती है, जबकि देहरादून, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। पूरे राज्य में गरज-चमक के साथ तेज से अति तेज वर्षा के दौर रह सकते हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और नदी-नालों के किनारे न जाने की सलाह दी है। बारिश के चलते देहरादून में अधिकतम तापमान लगभग 31.1 और न्यूनतम 24.3 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
बारिश ने गर्मी से राहत तो दी, लेकिन कई स्थानों पर जलभराव से परेशानी बढ़ गई।
नाले में बहे दो बच्चे, एक की मौत
रविवार को देहरादून में मूसलाधार बारिश के बाद शांति विहार नाले में पानी का बहाव तेज हो गया, जिसमें दो बच्चे बह गए। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से एक बच्चे को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन दूसरा बच्चा लगभग तीन किलोमीटर दूर मृत अवस्था में मिला।
मसूरी में पेड़ गिरने से बाधित यातायात
मसूरी में भी भारी बारिश का असर दिखा। सेंटेनरी स्कूल के पास एक बड़ा पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई, जबकि कैम्पटी रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग 707A) पर दरार आने से आवागमन केवल एक लेन से हो रहा है।
चमोली में रुद्रनाथ धाम यात्रा स्थगित
चमोली जिले में भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए फूलों की घाटी और रुद्रनाथ धाम की यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं से मौसम सुधरने तक यात्रा न करने की अपील की है। 15 अगस्त तक जिले के सभी ट्रैकिंग रूट भी बंद रहेंगे।
नैनीताल में पर्यटन कारोबार पर असर
नैनीताल में मौसम के खराब असर और उत्तरकाशी आपदा की वजह से पर्यटन गतिविधियां ठप हो गई हैं। तीन दिन के वीकेंड के लिए की गई एडवांस बुकिंग में करीब आधी बुकिंग रद्द हो चुकी है, जिससे होटल व्यवसायियों और व्यापारियों में निराशा है।
केदारनाथ हाईवे पर यातायात बंद
रतौली-जवारी बाईपास पर भूस्खलन से भारी मलबा जमा हो गया है, जिससे दोनों ओर का यातायात रुक गया है। मलबा साफ करने में चार से पांच दिन लगने का अनुमान है। सड़क पर 10–15 फीट ऊंचा ढेर बन गया है और करीब 25–30 मीटर हिस्से को नुकसान पहुंचने
की संभावना है।