चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर आज पूरे उत्तराखंड समेत देशभर में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस बार की राम नवमी कई शुभ योगों के संयोग में आने के कारण और भी विशेष बन गई। रविवार को रवि योग, पुष्य नक्षत्र, रवि पुष्य योग तथा सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे अत्यंत शुभ संयोग एक साथ बनने से यह दिन अत्यंत फलदायी माना गया।
सुबह 11:08 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक रहा शुभ मुहूर्त
रामनवमी के दिन पूजा-पाठ और व्रत के लिए सुबह 11:08 बजे से लेकर दोपहर 1:39 बजे तक विशेष शुभ मुहूर्त रहा। इसी दौरान देशभर के श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम की आराधना की, हवन-पूजन किया और कन्या पूजन की परंपरा निभाई। नवरात्रि के अंतिम दिनों में नवमी को देवी स्वरूप बालिकाओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराना विशेष पुण्य देने वाला माना जाता है।
सीएम धामी ने परिवार संग की पूजा, कन्या पूजन कर बांटी खुशियां
रामनवमी और दुर्गा नवमी के पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार संग मुख्यमंत्री आवास में विधिपूर्वक पूजन-अर्चन किया। उन्होंने नौ कन्याओं को देवी स्वरूप मानते हुए उनका पूजन किया, पैर धोए, उन्हें भोजन कराया और उपहार भी भेंट किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भगवान श्रीराम से प्रार्थना की कि प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे और सभी नागरिकों के जीवन में आनंद और सफलता का संचार हो।
राम नवमी बनी आस्था, श्रद्धा और संस्कारों का पर्व
राम नवमी केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने का पर्व है। यह दिन हमें सत्य, धर्म, और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। आज देश के कोने-कोने में भजन-कीर्तन, भव्य शोभा यात्राएं और राम कथा का आयोजन हुआ, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।
अगर चाहो तो मैं इसमें कुछ और जोड़ भी सकता हूँ—जैसे धार्मिक महत्व, ज्योतिषीय दृष्टिकोण या राम नवमी से जुड़ी परंपराएं।