ऋषिकेश का ऐतिहासिक रामझूला पुल अब नई मजबूती के साथ पुनर्निर्मित होने जा रहा है। सरकार ने इसके मरम्मत कार्य के लिए 11 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) जल्द ही टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप देगा और संभावना है कि कार्य सितंबर के मध्य तक शुरू हो जाएगा।
यह पुल वर्ष 1985 में गंगा नदी पर बनाया गया था और इसकी लंबाई लगभग 220 मीटर है। शुरू में इसे केवल पैदल यात्रियों के लिए खोला गया था, लेकिन बाद में दोपहिया वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी गई। यह पुल टिहरी के मुनिकीरेती को पौड़ी जिले के स्वर्गाश्रम से जोड़ता है, और स्थानीय लोगों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के लिए भी यह एक प्रमुख मार्ग है।
सुरक्षा कारणों से ज़रूरी हुई मरम्मत
रामझूला पुल में हाल ही में तीन सस्पेंडर वायर टूट गई थीं, जिससे उसकी संरचनात्मक मजबूती को लेकर चिंता बढ़ गई। सस्पेंडर वायर पुल के डेक और मुख्य केबल के बीच संतुलन बनाए रखने का कार्य करती हैं। पुल में कुल 440 ऐसी वायर लगी हुई हैं।
साल 2021 में लोक निर्माण विभाग की विशेषज्ञ टीम ने पुल पर बढ़ते दबाव को देखते हुए यातायात सीमित करने या बंद करने की सलाह दी थी। हालांकि, वैकल्पिक मार्ग न होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। इसके चलते दोपहिया वाहनों की आवाजाही करीब दो वर्ष पूर्व रोक दी गई थी।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
कैबिनेट मंत्री और नरेंद्रनगर से विधायक सुबोध उनियाल ने इस परियोजना को स्वीकृति देने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को प्राथमिकता दे रही है और इस मरम्मत से तीर्थनगरी की छवि को नई मजबूती मिलेगी।
उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद श्रद्धालु, पर्यटक, व्यापारी और स्थानीय निवासी सभी बेहतर आवागमन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में भी सकारात्म
क बदलाव आएगा।