उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। राज्य के ऊर्जा निगम ने कुमाऊं क्षेत्र में इस योजना की शुरुआत की है, जिसमें 6.55 लाख उपभोक्ताओं को शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत पहले चरण में सभी विद्युत उपकेंद्रों को स्मार्ट मीटर तकनीक के अनुरूप अपग्रेड किया जा रहा है। इसके बाद उपभोक्ताओं के स्तर पर सर्वेक्षण शुरू किया गया है, जिससे नए मीटर लगाने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
अडानी समूह से अनुबंध, सर्वेक्षण प्रक्रिया चालू
कुमाऊं क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए ऊर्जा निगम ने अडानी समूह की एक कंपनी से अनुबंध किया है। इस अनुबंध के तहत कंपनी ने उपभोक्ताओं के घरों में जाकर सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया है। यह सर्वेक्षण शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में किया जा रहा है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में केवल नगर क्षेत्रों के घरों और प्रतिष्ठानों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
इस योजना को केंद्र सरकार की पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
विद्युत उपकेंद्रों का आधुनिकीकरण
अनुबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों के अनुसार, योजना के पहले चरण में सभी विद्युत उपकेंद्रों को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है, और हल्द्वानी के कुछ उपकेंद्रों में स्मार्ट वितरण मीटर लगाना शुरू कर दिया गया है। अन्य उपकेंद्रों में भी यह काम चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।
उपभोक्ताओं का घर-घर सर्वेक्षण
उपभोक्ता स्तर पर सर्वेक्षण के लिए कंपनी द्वारा नियुक्त सर्वेक्षक घर-घर जाकर उपभोक्ताओं की जानकारी एकत्र कर रहे हैं। इस प्रक्रिया को डिजिटल एप्लिकेशन के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, और सभी डेटा ऑनलाइन दर्ज किए जा रहे हैं। जैसे ही कुमाऊं मंडल में 20,000 घरों का सर्वे पूरा हो जाएगा, मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस बीच सर्वेक्षण और मीटर लगाने का कार्य समानांतर रूप से चलता रहेगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर का संचालन कैसे होगा?
नए स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि यह प्रीपेड सिस्टम पर आधारित होंगे। जिस प्रकार मोबाइल फोन में रिचार्ज करने के बाद सेवाओं का उपयोग किया जाता है, उसी प्रकार इन मीटरों में भी पहले रिचार्ज करना होगा और उसके बाद ही बिजली आपूर्ति संभव होगी। रिचार्ज खत्म होने पर उपभोक्ता को 48 घंटे की अवधि में भुगतान करने का समय मिलेगा, जिसके दौरान बिजली की आपूर्ति जारी रहेगी।
मोबाइल एप के माध्यम से मीटर रिचार्ज
स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता मोबाइल एप के माध्यम से अपनी बिजली खपत का रियल-टाइम डेटा देख सकेंगे और वहीं से मीटर रिचार्ज भी कर सकेंगे। एप में रिचार्ज समाप्त होने की सूचना समय-समय पर अलर्ट के माध्यम से दी जाएगी। यह एप गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड की जा सकेगी।
सर्वे में पूछी जाने वाली जानकारी
सर्वेक्षण के दौरान उपभोक्ताओं से निम्नलिखित जानकारी एकत्र की जाएगी:
– उपभोक्ता संख्या और वर्तमान मीटर संख्या
– उपभोक्ता का मोबाइल नंबर
– वर्तमान मीटर की रीडिंग
– पुराने बिजली बिल
एयरटेल के सिम से होंगे लैस स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर में मोबाइल की तरह सिम कार्ड लगाया जाएगा, जिसके लिए कंपनी ने एयरटेल से अनुबंध किया है। इससे सुनिश्चित होगा कि नेटवर्क की सुविधा सभी क्षेत्रों में अच्छी तरह से उपलब्ध हो।
सही मोबाइल नंबर की जानकारी आवश्यक
स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर का महत्व बढ़ जाएगा, क्योंकि उसी से मीटर रिचार्ज और उपयोग की जानकारी मोबाइल एप पर देखी जा सकेगी। इसलिए सर्वे के दौरान उपभोक्ताओं को सही मोबाइल नंबर की जानकारी देना अनिवार्य होगा।