उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए की जा रही सख्ती के तहत एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की देहरादून इकाई ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से महाराष्ट्र से आए एक यात्री को फाटा क्षेत्र में गिरफ्तार किया है। इस यात्री के पास से 0.26 ग्राम एलएसडी नामक मादक पदार्थ बरामद किया गया।
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान शशिकांत के रूप में हुई है, जो महाराष्ट्र से यात्रा पर आया था। एनसीबी और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में उसके पास नशीले पदार्थ की बरामदगी हुई, जिससे चारधाम जैसे पवित्र स्थल पर नशे के नेटवर्क के संभावित खतरे की ओर इशारा मिलता है।
छापेमारी और बरामदगी
एनसीबी की टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि कुछ यात्रियों के माध्यम से यात्रा मार्ग में नशे की तस्करी की जा रही है या निजी उपयोग के लिए ड्रग्स लाए जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर देहरादून एनसीबी यूनिट ने रुद्रप्रयाग जिले के फाटा क्षेत्र में पुलिस के सहयोग से छापेमारी की और संदिग्ध यात्री को पकड़ा। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि एलएसडी ड्रग उसकी निजी खपत के लिए मंगाई गई थी, जो संभवतः डाक या किसी पार्सल सेवा के माध्यम से उसके पास पहुंची।
क्या आरोपी किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा है?
फिलहाल की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शशिकांत किसी अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा है या केवल निजी उपयोगकर्ता है। फिर भी, प्रशासन और एनसीबी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इस व्यक्ति का कोई संबंध किसी ड्रग्स तस्करी के बड़े रैकेट से है या क्या वह यात्रा के दौरान अन्य यात्रियों को भी नशे की सामग्री बेचने की योजना में था।
प्रशासन की सख्ती और बयान
इस घटना के संबंध में रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, पवित्रता और धार्मिक अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रशासन हर स्तर पर सतर्क है। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि, खासकर नशे से जुड़ी घटनाओं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था और संस्कृति से जुड़ा भावनात्मक अनुभव है। इसे नशे जैसी गतिविधियों से दूषित नहीं होने दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आगे भी ऐसी निगरानी और कार्रवाई जारी रहेंगी।
न्यायालय में पेशी और जेल
गिरफ्तारी के बाद आरोपी शशिकांत को न्यायिक प्रक्रिया के तहत स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब उसे जेल में रखा गया है, और आगे की जांच एजेंसियों द्वारा जारी है। आरोपी के मोबाइल फोन, सोशल मीडिया और डिजिटल गतिविधियों की भी जांच की जा रही है ताकि किसी नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा सके।
धार्मिक स्थलों पर नशे का खतरा – एक गंभीर चिंता
हाल के वर्षों में देखा गया है कि कुछ लोग धार्मिक या पर्यटन स्थलों को अपनी नशे की आदतों या तस्करी के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं। चारधाम यात्रा जैसे आयोजनों में लाखों श्रद्धालु देशभर से भाग लेते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में युवा भी होते हैं। ऐसे में प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह न केवल भौतिक सुरक्षा सुनिश्चित करे बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी वातावरण को स्वच्छ बनाए रखे।
एलएसडी जैसी सिंथेटिक ड्रग्स की मात्रा चाहे कितनी भी कम क्यों न हो, उसका मानसिक प्रभाव बेहद घातक हो सकता है। इससे व्यक्ति की सोच, व्यवहार और निर्णय लेने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। धार्मिक स्थानों पर इसका इस्तेमाल सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों को ठेस पहुंचाने वाला है।
भविष्य के लिए सख्त कदम
प्रशासन ने संकेत दिया है कि चारधाम यात्रा के शेष समय में नशे पर रोकथाम के लिए विशेष दस्ते बनाए जाएंगे। यात्रा मार्गों पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ इंटेलिजेंस यूनिट को भी सक्रिय किया गया है। यात्रियों के सामान की चेकिंग बढ़ा दी गई है और जिन स्थानों पर रुकने की सुविधा दी जा रही है, वहां भी निगरानी बढ़ाई गई है।
प्रशासन यह भी सुनिश्चित करने में लगा है कि ड्रग्स जैसी सामग्री यात्रा मार्ग तक पहुंचे ही नहीं। इसके लिए डाक और कोरियर कंपनियों से भी सहयोग मांगा जा रहा है ताकि पार्सलों की गहन जांच हो सके।
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निष्कर्ष:
चारधाम यात्रा केवल एक यात्रा नहीं बल्कि आस्था, श्रद्धा और आत्मिक शांति का प्रतीक है। ऐसे पवित्र अवसर पर नशे जैसी सामाजिक बुराई का प्रवेश एक गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि उत्तराखंड सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस पवित्र यात्रा को शुद्ध और सुरक्षित बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

