देहरादून के शहरी विकास और यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों को समन्वय के साथ काम करने और हर कार्य के लिए स्पष्ट समयसीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए गए। यह बैठक शहर के बढ़ते ट्रैफिक, पार्किंग की समस्याओं और असंतुलित विकास को ध्यान में रखते हुए की गई, ताकि भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार आधारभूत ढांचा तैयार किया जा सके।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि सभी विकास कार्य समयबद्ध तरीके से धरातल पर उतरें। उन्होंने कहा कि योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि उनका प्रभाव जमीन पर दिखे।
बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद?
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पंकज पांडेय, एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विनीत कुमार, नगर आयुक्त नमामि बंसल समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी को निर्देश दिया गया कि शहर की मोबिलिटी और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए मिलकर और तेज़ी से कार्य करें।
रोडमैप और टाइमलाइन पर विशेष जोर
बैठक में यह तय किया गया कि शहर में किए जा रहे हर विकास कार्य के लिए समन्वित रोडमैप तैयार किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक कार्य के लिए एक निश्चित समयसीमा तय की जाएगी, ताकि विकास कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन आसान हो सके। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बेसमेंट पार्किंग का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई
शहर में अव्यवस्थित पार्किंग एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसे देखते हुए अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि जिन भवनों में बेसमेंट पार्किंग का प्रावधान है, वहां इसका पूर्ण पालन किया जाना अनिवार्य होगा। यदि किसी निर्माण में पार्किंग नियमों की अनदेखी की गई, तो संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्देश विशेष रूप से उन इमारतों के लिए है जो व्यावसायिक उपयोग में लाई जा रही हैं लेकिन पार्किंग के लिए कोई उचित स्थान उपलब्ध नहीं करवा रही हैं, जिससे सड़कों पर अनावश्यक वाहन खड़े होकर यातायात को बाधित करते हैं।
यातायात प्रबंधन और पार्किंग व्यवस्था पर फोकस
बैठक में शहर के जाम और अराजक ट्रैफिक व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की गई। इसके समाधान के लिए यातायात विभाग, नगर निगम और एमडीडीए को संयुक्त रूप से काम करने को कहा गया। शहर के भीतर प्रमुख जंक्शन, भीड़भाड़ वाले इलाके और व्यापारिक क्षेत्रों में मल्टीलेवल पार्किंग, ऑन-स्ट्रीट और ऑफ-स्ट्रीट पार्किंग की योजनाएं बनाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने, फुटपाथ सुधारने, ऑटो और टैक्सी स्टैंड को व्यवस्थित करने के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं।
भवन निर्माण में बायलाज का पालन अनिवार्य
शहर में नई इमारतों के निर्माण की अनुमति तभी दी जाएगी, जब वे सभी पार्किंग और निर्माण संबंधी बायलाज का पालन करेंगी। विशेष रूप से एमडीडीए को यह निर्देश दिया गया है कि भवन स्वीकृति की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। बिना पार्किंग के भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सड़कों और जंक्शन के सुधार कार्यों को मिलेगी गति
बैठक में यह भी तय किया गया कि शहर के भीतर सड़क चौड़ीकरण, जंक्शन सुधार, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, और सीसीटीवी निगरानी प्रणाली को जल्द लागू किया जाएगा। विशेष रूप से ऐसे जंक्शन जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं या जाम की स्थिति बनती है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुधारा जाएगा।
इसके अलावा, फुटपाथ, ड्रेनेज व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट्स की स्थिति को भी बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि शहर की समग्र जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
शहर के विकास की दिशा में अहम कदम
देहरादून की यह बैठक शहर के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण नीति-निर्धारण मानी जा रही है। शहरीकरण की तेज़ रफ्तार को देखते हुए, अब समय की मांग है कि योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें बल्कि धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू हों।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सभी विभागों को उत्तरदायी और जवाबदेह बनना होगा। समयबद्ध और समन्वित प्रयासों से ही देहरादून को एक स्मार्ट, सुगम और व्यवस्थित शहर के रूप में विकसित किया जा सकता है