अल्मोड़ा जनपद की जौरासी रेंज अंतर्गत भनोटिया गांव में लंबे समय से आतंक का पर्याय बना गुलदार आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है। बीते कई दिनों से गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत फैलाने वाला यह गुलदार चार मवेशियों को अपना शिकार बना चुका था, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त था। आज तड़के करीब चार बजे गुलदार के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही गांव में राहत की लहर दौड़ गई।
जानकारी के अनुसार, वन विभाग ने ग्रामीणों की लगातार शिकायतों के बाद एक सप्ताह पूर्व रणनीतिक स्थान पर पिंजरा लगाया था। गुलदार की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी। आखिरकार आज सुबह गुलदार उसी पिंजरे में फंस गया। गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, जो पिछले कई दिनों से रात के समय घरों से बाहर निकलने में भी डर महसूस कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि पकड़ा गया गुलदार मादा है, जिसकी उम्र लगभग छह से सात वर्ष के बीच आंकी गई है। इस गुलदार ने बीते दिनों गांव और आसपास के इलाकों में चार मवेशियों को अपना शिकार बनाया था। लगातार हो रही घटनाओं के कारण ग्रामीणों में भारी दहशत थी। मवेशियों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई थी, वहीं बच्चों और बुजुर्गों को लेकर भी लोग चिंतित थे।
गुलदार के पिंजरे में कैद होने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जौरासी रेंज के रेंज अधिकारी उमेश चंद्र पांडेय के नेतृत्व में रेस्क्यू अभियान चलाया गया। टीम ने पूरी सतर्कता के साथ गुलदार को कब्जे में लिया और उसे अल्मोड़ा भेज दिया गया, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गुलदार की चिकित्सकीय जांच के बाद उसके व्यवहार का आकलन किया जाएगा। इसके पश्चात आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। गुलदार के पकड़े जाने से भनोटिया गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में फैली दहशत काफी हद तक समाप्त हो गई है। ग्रामीणों ने वन विभाग की तत्परता और कार्रवाई की सराहना की है।
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अल्मोड़ा के भनोटिया गांव में दहशत फैलाने वाला गुलदार पिंजरे में कैद, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
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