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उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल क्षेत्र में स्थित मूसाताल नदी में नहाने के दौरान दो युवकों की दुखद मौत हो गई। ये दोनों भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे और इन दिनों पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात थे। हादसे के बाद से उनके साथ आए साथियों में शोक की लहर है।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दुखद घटना गुरुवार को घटी, जब पंजाब से आए आठ पर्यटक मूसाताल नदी के पास पहुंचे थे। इनमें चार युवक और चार युवतियां शामिल थीं। चारों युवक बिहार के मूल निवासी थे और वायुसेना में कार्यरत थे। वे कुछ दिनों की छुट्टी पर थे और घूमने-फिरने के उद्देश्य से भीमताल पहुंचे थे। घूमते-घूमते सभी पर्यटक मूसाताल नदी के पास पहुंचे और मौज-मस्ती करने लगे।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इसी दौरान प्रिंस यादव और साहिल नामक दो युवक नदी में नहाने के लिए उतरे। शुरुआत में सबकुछ सामान्य था, लेकिन अचानक दोनों का पैर फिसल गया और वे गहरे पानी में चले गए। दोनों को तैरने में परेशानी होने लगी और वे डूबने लगे। बाहर खड़े उनके साथी मदद के लिए चिल्लाने लगे, लेकिन हादसा इतनी तेजी से हुआ कि कोई भी तुरंत मदद नहीं कर पाया।

 

घटना के बाद वहां मौजूद अन्य पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही भीमताल थाने से पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। थाना प्रभारी विमल मिश्रा और सीओ प्रमोद कुमार साह खुद मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य की निगरानी की। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और कुछ ही समय बाद दोनों युवकों के शव पानी से बाहर निकाले गए।

 

पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा की कार्रवाई पूरी की और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।

 

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मूसाताल नदी के कई हिस्सों में पानी का स्तर काफी गहरा होता है, लेकिन इसकी स्पष्ट जानकारी पर्यटकों को नहीं होती। नदी के किनारे कोई चेतावनी बोर्ड या संकेत नहीं लगे हैं, जिससे बाहर से आने वाले लोग अनजाने में जोखिम उठाते हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में पहले भी डूबने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

 

पुलिस ने इस घटना के बाद सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे नदी या जल स्रोतों में नहाने से पहले पूरी सावधानी बरतें और गहराई की जानकारी अवश्य लें। यदि तैराकी नहीं आती है या स्थल अनजान है तो पानी में उतरने से बचें। साथ ही प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में इस क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे और जोखिम वाले हिस्सों की पहचान कर चिन्हित किया जाएगा।

 

घटना के बाद मृतकों के परिवारों को सूचना दे दी गई है और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन और सेना के अधिकारी इस दुखद हादसे को लेकर लगातार संपर्क में हैं।

 

इस घटना ने फिर से यह चेतावनी दी है कि प्राकृतिक जल स्रोतों में मौज-मस्ती करते समय लापरवाही भारी पड़ सकती है। थोड़ी सी असावधानी भी जानलेवा साबित हो सकती है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों की नदियां और झीलें गहराई व तेज बहाव के कारण बेहद खतरनाक हो सकती हैं, भले ही ऊपर से शांत और आकर्षक दिखाई देती हों।

 

पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता भी इस हादसे से उजागर हुई है। यदि समय रहते चेतावनी बोर्ड, लाइफ गार्ड्स और स्थानीय निगरानी की व्यवस्था होती, तो शायद इस तरह की दुखद घटनाएं रोकी जा सकती थीं।

 

भीमताल क्षेत्र, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, अब एक और हादसे का गवाह बना है। जहां एक ओर यह स्थान सैलानियों को आकर्षित करता है, वहीं दूसरी ओर बार-बार होने वाली डूबने की घटनाएं चिंता का विषय हैं। यह आवश्यक है कि पर्यटक अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहें और प्रशासन सुरक्षा उपायों को

सख्ती से लागू करे।

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