उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार दोपहर एक भीषण सड़क दुर्घटना में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा कुलसारी-ढालू-मोणा मोटर मार्ग पर गुमता टनोली तोक के पास हुआ, जहां एक ऑल्टो कार (UK11TA-3880) अनियंत्रित होकर सड़क से लगभग 250 मीटर नीचे खाई में जा गिरी।
हादसे की सूचना मिलते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। जब तक राहत व बचाव दल मौके पर पहुंचा, तब तक कार सवार दोनों व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
हादसे की भयावहता ने सबको झकझोरा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। वाहन के कई टुकड़े खाई में बिखरे मिले, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसा कितनी तेज गति और उथल-पुथल से हुआ होगा। ग्रामीणों ने बताया कि एक जोरदार आवाज सुनाई दी, जिसके बाद उन्होंने खाई में नीचे गिरी कार को देखा और तुरंत प्रशासन को सूचना दी।
मृतकों की पहचान
इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है। मृतकों में 54 वर्षीय दर्शन राम, पुत्र स्तुति राम, निवासी ग्राम पास्तोली (थराली) और 60 वर्षीय दिनेश चंद्र जोशी, पुत्र बलराम जोशी, निवासी ग्राम नैल (थराली) शामिल हैं। बताया जा रहा है कि दोनों आपस में परिचित थे और किसी कार्य से पास के क्षेत्र में गए हुए थे।
बचाव कार्य और प्रशासन की भूमिका
हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस टीम और आपदा प्रबंधन की इकाइयां मौके पर पहुंचीं। ग्रामीणों की मदद से बचाव कार्य चलाया गया। खाई में उतरना बेहद कठिन था, लेकिन राहतकर्मियों ने जोखिम उठाते हुए दोनों शवों को बाहर निकाला। इसके बाद पंचनामा भर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
प्रशासन की ओर से बताया गया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कार चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया था, जिससे यह दुर्घटना घटी। मौसम की स्थिति, सड़क की हालत और वाहन की तकनीकी स्थिति जैसे सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।
क्षेत्र में शोक की लहर
इस दर्दनाक हादसे के बाद थराली क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। दर्शन राम और दिनेश जोशी दोनों ही अपने गांवों में सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति माने जाते थे। ग्रामीणों और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र की सड़कों की स्थिति सुधारी जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
खराब सड़कें और सुरक्षा उपायों की कमी
कुलसारी-ढालू-मोणा मोटर मार्ग उन ग्रामीण सड़कों में से एक है, जहां कई स्थानों पर न तो सुरक्षा रेलिंग है और न ही पर्याप्त चेतावनी संकेत। बरसात के मौसम में सड़कों की हालत और भी खराब हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार इस रूट पर वाहन फिसलने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक स्थायी समाधान नहीं किया गया है।
विशेषज्ञों की राय में पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा के उपाय जैसे गार्ड रेल, संकेतक, रिफ्लेक्टर और उचित ढलान संकेत अत्यंत आवश्यक होते हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
प्रशासन से उठी मांगें
घटना के बाद ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि दुर्घटनास्थल पर जल्द से जल्द सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए। इसके अलावा मोटर मार्ग पर आवश्यक मरम्मत कार्य किया जाए और ड्राइवरों को सावधानीपूर्वक वाहन चलाने के लिए जागरूक किया जाए।
साथ ही, दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र को “ब्लैक स्पॉट” घोषित करने की भी मांग की जा रही है, ताकि भविष्य में यहां यातायात अधिक सतर्कता से संचालित हो।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इस तरह के हादसे कोई नई बात नहीं रह गए हैं। हालांकि प्रशासन समय-समय पर सड़क सुरक्षा को लेकर कदम उठाता रहा है, लेकिन जब तक बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं होगा, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। चमोली के इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सतर्कता और सुरक्षा उपायों में कोई चूक किसी की जान ले सकती है।