उत्तराखंड के चमोली जिले से एक बेहद दुखद और हृदयविदारक घटना सामने आई है। नारायणबगड़ ब्लॉक के गड़सीर गांव की रहने वाली एक महिला की घास काटने के दौरान फिसलकर गहरी खाई में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना मंगलवार को उस समय हुई जब वह गांव की अन्य महिलाओं के साथ जंगल में घास लेने गई थीं। हादसे की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, पूरे गांव में मातम छा गया और परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
सुबह की आम दिनचर्या बनी जानलेवा
36 वर्षीय कृष्णा देवी पत्नी मनवीर सिंह, अन्य ग्रामीण महिलाओं की तरह रोज की तरह सुबह घर से निकली थीं। उनका गंतव्य था गड़सीर गांव के पास स्थित पटोरी का जंगल, जो स्थानीय लोगों के लिए घास, लकड़ी और अन्य वन उत्पादों का मुख्य स्रोत है। गांव की कई महिलाएं रोजाना की तरह घास काटने के लिए एक साथ गई थीं।
लेकिन इस बार की सुबह किसी ने नहीं सोची थी कि इतनी भयावह साबित होगी। प्रत्यक्षदर्शी महिलाओं के अनुसार, कृष्णा देवी घास काट रही थीं तभी अचानक उनका संतुलन बिगड़ गया। फिसलते ही वह बेकाबू होकर नीचे की ओर लुढ़कती चली गईं और सीधे गहरी खाई में जा गिरीं।
अन्य महिलाएं दौड़ीं मदद के लिए, लेकिन देर हो चुकी थी
घटना के बाद घबराई हुई महिलाओं ने पहले खुद सहायता करने की कोशिश की, लेकिन खाई की गहराई और जोखिम को देखते हुए वे तुरंत गांव लौट आईं। उन्होंने परिजनों और अन्य ग्रामीणों को पूरी घटना की जानकारी दी। परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे और पूरा गांव घटना की भयावहता से स्तब्ध था।
रेस्क्यू में जुटी प्रशासन और डीडीआरएफ की टीम
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन को फोन पर सूचना दी। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए डीडीआरएफ (डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) की टीम और राजस्व पुलिस को तुरंत मौके पर रवाना किया। घटनास्थल पर पहुंचने में टीम को काफी समय लगा क्योंकि जंगल का रास्ता संकरा और खतरनाक था।
डीडीआरएफ की टीम ने रोपिंग सिस्टम की सहायता से खाई में उतरने का कार्य शुरू किया। कई घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार महिला के शव को बाहर निकाला गया। अंधेरा होने के बावजूद टीम ने अपना कार्य जारी रखा, ताकि शव को समय रहते अस्पताल भेजा जा सके।
प्रशासन ने दी संवेदनाएं, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि शव को बरामद कर लिया गया है और पंचनामा की कार्रवाई पूरी होने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए उप जिला अस्पताल कर्णप्रयाग भेजा गया है। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि हर संभव सरकारी सहायता दी जाएगी।
राजस्व पुलिस ने प्रारंभिक रिपोर्ट में मौत का कारण “फिसलकर खाई में गिरना” बताया है। हालांकि, आगे की जांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।
गांव में मातम का माहौल
गड़सीर गांव एक छोटा और शांत पहाड़ी गांव है जहां सभी लोग एक-दूसरे को परिवार की तरह जानते हैं। इस दुर्घटना ने न सिर्फ एक परिवार से उसकी सदस्य को छीन लिया, बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। कृष्णा देवी का परिवार, जिनमें उनके पति और दो छोटे बच्चे हैं, गहरे सदमे में है।
गांव की महिलाओं ने बताया कि कृष्णा देवी बेहद मेहनती और मिलनसार स्वभाव की थीं। गांव की किसी भी महिला को किसी सहायता की ज़रूरत होती थी, वह सबसे पहले मदद के लिए आगे आती थीं। उनकी आकस्मिक मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।
सुरक्षित वन कार्य की जरूरत पर उठा सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण महिलाएं जो रोज़ाना जंगलों में जाकर घास या लकड़ी लाती हैं, उनकी सुरक्षा के लिए क्या कोई विशेष उपाय किए जा रहे हैं? अधिकतर महिलाएं खतरनाक ढलानों पर बिना किसी सुरक्षा उपकरण या ट्रेनिंग के काम करती हैं।
गांव के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने प्रशासन से मांग की है कि सरकार को ऐसे स्थानों की पहचान कर वहां सुरक्षा उपायों जैसे रेलिंग, चेतावनी बोर्ड, और प्राथमिक चिकि
त्सा सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।