उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में गुरुवार की सुबह एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। शहर के फायर स्टेशन के पीछे स्थित नहर में एक कार अनियंत्रित होकर जा गिरी। इस भीषण हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई, जिनमें तीन दिन पहले जन्मा एक नवजात शिशु भी शामिल है। घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई और मौके पर भारी संख्या में लोग जुट गए।
यह हादसा सुबह करीब सात बजे हुआ जब एक परिवार अपनी कार से किच्छा की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि यह परिवार सुशीला तिवारी अस्पताल से नवजात बच्चे के जन्म के बाद वापस घर लौट रहा था। जैसे ही कार मंडी समिति के गेट के पास पहुंची, वह अचानक अनियंत्रित होकर सीधे नहर में गिर गई। यह नहर हल्द्वानी के कैनाल क्षेत्र में स्थित है, जो हादसों के लिहाज से पहले भी संवेदनशील रहा है।
कार गिरते ही स्थानीय लोगों और फायर स्टेशन के कर्मियों ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद फायर टीम ने बिना देरी किए नहर में उतरकर लोगों को बचाने की कोशिश की। रेस्क्यू के दौरान एक फायर कर्मी भी नहर के तेज बहाव में बह गया, लेकिन बहादुरी दिखाते हुए न केवल उसने अपनी जान बचाई, बल्कि कार चालक को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
हादसे में कार सवार महिला किसी तरह बच गई, लेकिन उसका तीन दिन का नवजात शिशु नहीं बच सका। इसके अलावा महिला के पति और परिवार के दो अन्य सदस्य भी इस हादसे का शिकार हो गए। कुल मिलाकर इस दुर्घटना में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस तरह के हादसे एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि सड़कों और नहरों के किनारे सुरक्षा के इंतज़ाम कितने अपर्याप्त हैं। जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई वहां कोई मजबूत बैरियर या रेलिंग नहीं थी, जिससे कार को गिरने से रोका जा सकता। नहर के किनारे मौजूद खतरनाक मोड़ और कमजोर सुरक्षा व्यवस्था पहले भी कई दुर्घटनाओं का कारण बन चुकी है।
स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। फायर विभाग की टीम ने अपनी जान जोखिम में डालकर जो साहसिक कार्य किया, उसकी हर ओर सराहना हो रही है। जिस फायर कर्मी ने तेज बहाव में उतरकर चालक को बाहर निकाला, वह एक सच्चे योद्धा की तरह सामने आया। उसकी सतर्कता और तत्परता ने एक जीवन को बचा लिया।
इस हादसे ने एक परिवार की खुशियों को चंद पलों में मातम में बदल दिया। नवजात शिशु की मौत ने सभी को भावुक कर दिया। परिवार बच्चे के जन्म की खुशी में घर लौट रहा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
स्थानीय लोग इस घटना के बाद से प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि नहर के किनारे मजबूत सुरक्षा दीवार बनाई जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों। साथ ही सड़क संकेत, गति सीमा और सुरक्षा रेखाएं भी स्पष्ट रूप से लगाई जाएं जिससे वाहन चालक सचेत रह सकें।
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने भी मौके पर पहुंचकर जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है। घायल व्यक्तियों का इलाज जारी है और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
यह हादसा एक बार फिर दर्शाता है कि ज़रा सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। हर व्यक्ति को वाहन चलाते समय सतर्क रहना चाहिए और प्रशासन को भी ऐसी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए।