केदारनाथ रोपवे परियोजना की झलक अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने सोशल मीडिया पर साझा की है। उनकी ओर से जारी इस भविष्य की तस्वीर और वीडियो में केदारनाथ तक जाने वाले आधुनिक रोपवे का भव्य स्वरूप देखा जा सकता है। बताया गया है कि इस रोपवे के बन जाने के बाद श्रद्धालुओं को अब आठ से नौ घंटे की कठिन यात्रा नहीं करनी पड़ेगी, बल्कि वही सफर मात्र 36 मिनट में पूरा हो जाएगा।
गौतम अडानी ने कहा कि यह परियोजना आस्था और सुविधा के संगम का प्रतीक बनेगी। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे इस रोपवे का निर्माण अडानी समूह कर रहा है। कंपनी का कहना है कि यह दुनिया का सबसे सुरक्षित और अत्याधुनिक रोपवे होगा।
इस परियोजना में इस्तेमाल होने वाले गोंडोला (ट्रॉली) में एक बार में 35 तीर्थयात्री सफर कर सकेंगे। इसके जरिए एक घंटे में लगभग 1800 यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ या केदारनाथ से सोनप्रयाग तक पहुँचाया जा सकेगा। यह देश का पहला रोपवे होगा जो 3-एस ट्राइकेबल तकनीक पर आधारित होगा। इस तकनीक में तीन केबलों का उपयोग किया जाता है, जिससे यात्रा और अधिक सुरक्षित व स्थिर रहती है।
अडानी ने कहा कि यह रोपवे केवल समय की बचत ही नहीं करेगा, बल्कि सुरक्षित और सुगम यात्रा भी सुनिश्चित करेगा। इससे स्थानीय पर्यटन, व्यापार और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अडानी समूह इस परियोजना में पर्यावरण संरक्षण और सतत निर्माण के सिद्धांतों का पालन कर रहा है।
वर्तमान में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक शटल सेवा संचालित होती है, जिसके बाद यात्रियों को गौरीकुंड से केदारनाथ तक 19 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। इसमें घोड़े-खच्चरों और डोली की सुविधा भी मिलती है। लेकिन रोपवे शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं को सीधे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक का सफर आसान और तेज़ हो जाएगा।
यह परियोजना न केवल उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन का चेहरा बदलने वाली है, बल्कि देश के रोपवे नेटवर्क में भी एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।