उत्तराखंड सरकार ने अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2013 में अहम बदलाव किया है। अब तक यह योजना केवल लैंगिक अपराधों से प्रभावित बालिकाओं तक सीमित थी, लेकिन नए संशोधन के बाद पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों में बालकों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी।
योजना का इतिहास
यह योजना राज्य में वर्ष 2013 से लागू है। 2014 और 2016 में इसमें संशोधन किए गए थे। अब पॉक्सो कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए “उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2025” अधिसूचित की गई है, जो न्याय प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
संशोधन का उद्देश्य
पॉक्सो अधिनियम-2012 के तहत प्रभावित बच्चों को त्वरित, न्यायपूर्ण और पर्याप्त आर्थिक सहयोग दिलाना इसका मुख्य उद्देश्य है। इससे पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान राहत और सहारा मिलेगा।
कितनी होगी आर्थिक सहायता?
नई व्यवस्था के अनुसार पीड़ित बच्चों को अपराध की गंभीरता के हिसाब से 20 हजार रुपये से लेकर 7 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सहायता राशि का निर्धारण:
प्रवेशन लैंगिक हमला (धारा 4) : 1 लाख – 7 लाख रुपये
गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला (धारा 6) : 1 लाख – 7 लाख रुपये
लैंगिक हमला (धारा 7) : 50 हजार – 1 लाख रुपये
गंभीर लैंगिक हमला (धारा 9) : 50 हजार – 2 लाख रुपये
लैंगिक उत्पीड़न (धारा 11) : 20 हजार – 1 लाख रुपये
अश्लील प्रयोजनों में बालक का उपयोग (धारा 14) : 50 हजार – 1 लाख रुपये
न्याय की दिशा में सकारात्मक पहल
कैबिनेट का यह संशोधन न केवल पीड़ित बच्चों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि न्याय प्रणाली पर भरोसा भी मजबूत करेगा। इससे राज्य में लैंगिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई को
और अधिक बल मिलने की उम्मीद है।