मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बढ़ती अवैध गतिविधियों और घुसपैठ पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) बदलने की कोशिश किसी भी हाल में सफल नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घुसपैठियों ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर राशन कार्ड और निवास प्रमाणपत्र हासिल किए हैं, लेकिन अब सरकार इन सभी कागजात की गहन जांच कर रही है।
सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और पारंपरिक स्वरूप को किसी कीमत पर प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के मूल निवासियों को डर और असुरक्षा में रहने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में अवैध कब्जों का नया तरीका अपनाया जा रहा है—जहां भी खाली जमीन दिखती है, वहां नीली, पीली या हरी चादर बिछाकर पहले कब्जा कर लिया जाता है, और बाद में निर्माण कर दिया जाता है। इसी तरह की गतिविधियों के तहत लगभग 550 धार्मिक स्थलों की पहचान कर उन्हें हटाया गया है, और वह जमीन अब सरकार के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि कब्जा मुक्त अभियान आगे भी तेज गति से चलता रहेगा।
काठगोदाम स्थित सीआरपीएफ कैंप में आयोजित पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन के वार्षिक सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम धामी ने कहा कि राज्य में कुछ ऐसे लोग बसने की कोशिश कर रहे हैं जिनकी विचारधारा कानून-व्यवस्था और समाज के खिलाफ है। वे फर्जी कागअत बनवाकर स्वयं को मूल निवासी बताने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने हल्द्वानी के बनभूलपुरा दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि भविष्य में यदि कोई दंगा या उत्पात करता है, तो वह हुए नुकसान की आर्थिक भरपाई भी करेगा। सरकार ने गोरक्षा को मजबूत करने के लिए कानून लागू किया है, साथ ही प्रदेश में दो देशों की सीमा लगने के कारण सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बेहद महत्वपूर्ण है। इसीलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू कर सभी नागरिकों के लिए समान कानून सुनिश्चित किया गया है।
अर्धसैनिक बलों के लिए बड़ी घोषणा
सम्मेलन में सीएम धामी ने यह भी घोषणा की कि अब पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के शहीद होने पर उनके परिवार को पहले मिलने वाली 10 लाख रुपये की सहायता बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बलों का योगदान राष्ट्र के लिए अतुलनीय है और राज्य सरकार उनके परिवारों के साथ खड़ी रहेगी।

