विश्व दिव्यांग दिवस 2024: सीएम धामी ने दक्ष दिव्यांगजनों को किया सम्मानित, नई योजनाओं की घोषणा

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2024 के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष मार्ग स्थित वेडिंग प्वाइंट में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में 89 दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों और स्वरोजगार करने वाले दिव्यांगजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं की घोषणा करते हुए दिव्यांगजनों के उत्थान और समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश के दिव्यांग नायक अपने आत्मविश्वास, साहस और धैर्य के माध्यम से न केवल अपनी पहचान बना रहे हैं बल्कि समाज की सोच और दृष्टिकोण में भी सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी कार्यालयों से लेकर खेल के मैदान तक दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं:

  1. मुफ्त उपकरण वितरण: राज्य के सभी जिलों में विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जहां दिव्यांगजनों को मुफ्त सहायक उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
  2. ऑनलाइन आईएएस कोचिंग: दिव्यांग छात्र-छात्राओं को निःशुल्क ऑनलाइन आईएएस कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी।
  3. पुनर्वास गृह का निर्माण: ऊधमसिंह नगर में विशेष मानसिक पुनर्वास गृह का निर्माण किया जा रहा है।
  4. पेंशन योजनाएं: दिव्यांगजनों के लिए पांच अलग-अलग श्रेणियों में पेंशन योजनाएं लागू हैं।
  5. प्रोत्साहन राशि: दिव्यांगजन से विवाह करने पर 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
  6. छात्रवृत्ति योजना: कक्षा 1 से 8 तक दिव्यांग बच्चों या उनके दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।

दिव्यांगजनों की उपलब्धियां प्रेरणा का स्रोत

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी परिस्थितियों को चुनौती मानकर आगे बढ़ रहे हैं और अपने सपनों को साकार करने के साथ ही समाज को प्रेरणा भी दे रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकारी भवनों, अस्पतालों, बस अड्डों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

समारोह में समाज कल्याण सचिव नीरज खैरवाल, दिव्यांगजन निदेशक एवं आयुक्त प्रकाश चंद्र, विधायक खजान दास और उमेश शर्मा काऊ सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस आयोजन ने दिव्यांगजनों की क्षमताओं और उनकी उपलब्धियों को न सिर्फ सम्मानित किया बल्कि उन्हें और अधिक आत्मनिर्भर और समर्थ बनाने के लिए नई योजनाओं की दिशा भी तय की।

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