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हेली एंबुलेंस सेवा से शवों को भेजने की नई सुविधा शुरू होने जा रही है

राज्य सरकार अस्पतालों से शवों को उनके निवास स्थान तक भेजने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। इस सेवा के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के लिए शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

अब तक हेली एंबुलेंस का उपयोग केवल मरीजों को दूरगामी क्षेत्रों से ऋषिकेश एम्स तक लाने के लिए किया जाता था, लेकिन अब प्रदेश सरकार इसे और विस्तृत रूप से उपयोग करने जा रही है। नए बदलाव के तहत, अस्पतालों में मृत्यु के बाद शवों को उनके घर तक भेजने के लिए भी हेली एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा।

इस नई व्यवस्था के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. सुनीता टाम्टा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना और संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत जौहरी को भी शामिल किया गया है। यह कमेटी इस सेवा से जुड़ी सभी पहलुओं का आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके संभावित चुनौतियों का भी जायजा लेगी।

नई व्यवस्था लागू होने के बाद, प्रदेश के किसी भी अस्पताल से शवों को उनके निवास स्थान तक भेजने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होगी। यह सेवा प्रदेश के भीतर और बाहरी राज्यों के लिए भी लागू की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह राज्य में पहली बार हो रहा है कि हेली एंबुलेंस सेवा का उपयोग शवों को भेजने के लिए किया जाएगा।

कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी, जिसके बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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