उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में शवों को ले जाने की सुविधा बेहद सीमित है। स्वास्थ्य विभाग के पास पूरे राज्य में केवल 10 शव वाहन ही उपलब्ध हैं। स्थिति यह है कि छह जिलों में एक भी सरकारी शव वाहन नहीं है, जिससे मरीजों के परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें शव ले जाने के लिए निजी वाहनों या एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है।
फिलहाल जिन जिलों में शव वाहन मौजूद हैं, उनमें देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली शामिल हैं। इनमें भी कुछ जिलों में केवल एक या दो वाहन ही हैं। वहीं, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में यह सुविधा पूरी तरह नदारद है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि जिन जिलों में शव वाहन नहीं हैं, वहां के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिलाधिकारी के स्तर पर संसाधन जुटाकर जल्द से जल्द शव वाहन की व्यवस्था करें।
वर्तमान में जिलों में मौजूद शव वाहनों की संख्या इस प्रकार है:
देहरादून – 1
हरिद्वार – 1
पिथौरागढ़ – 1
रुद्रप्रयाग – 2
टिहरी – 1
उत्तरकाशी – 2
चमोली – 2