उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुल मतदान प्रतिशत 68 रहा, जिसमें 63% पुरुषों और 73% महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कई मतदान केंद्रों पर देर रात तक मतदाताओं की लाइनें लगी रहीं। यह चरण शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जबकि अगला चरण 28 जुलाई को होगा।
इस चुनाव में खास बात रही प्रवासी मतदाताओं की बड़ी भागीदारी। ‘मेरा गांव, मेरा वोट’ की भावना के साथ दिल्ली, देहरादून, चंडीगढ़, हरिद्वार, नोएडा, बरेली, जयपुर जैसे शहरों से हजारों प्रवासी अपने गांव लौटे और मतदान में हिस्सा लिया। वे निजी वाहन या बुक की गई टैक्सी/ट्रेवलर से गांव पहुंचे और अपने गांव की सरकार चुनने में सक्रिय भूमिका निभाई।
स्थानीय लोगों का मानना है कि गांव की राजनीति में प्रत्याशियों और मतदाताओं के बीच गहरा संबंध होता है, इसलिए बाहर रहने वाले भी वोट देने लौट आते हैं। प्रवासी मत केवल ग्राम प्रधान के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनावी समीकरणों पर भी असर डालते हैं।
रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ विकासखंडों के 459 बूथों पर भी शांतिपूर्ण मतदान हुआ। यहां 280 ग्राम प्रधान, 103 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 18 जिला पंचायत सदस्यों के लिए वोटिंग हुई। कई बूथों पर 5% से 35% तक प्रवासी मतदाताओं ने वोट डाला।
कुछ प्रवासी मतदाताओं जैसे नीरज, विक्रम, रोहन और अर्जुन सिंह ने बताया कि वे शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की बेहतरी के लिए वोट देने आए हैं। खांकरा, लोली, चिनग्वाड़, पीपली, कोठियाड़ा जैसे कई गांवों में प्रवासी मतदाताओं का उत्साह देखने
लायक था।