Uttarakhand : उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य के कई हिस्सों में सड़कें मलबे और भूस्खलन के कारण बंद हो चुकी हैं। सबसे अधिक असर चारधाम यात्रा पर पड़ा है, जहां बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री मार्गों पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। श्रद्धालु जहां-तहां फंसे हुए हैं और प्रशासन सड़कें खोलने के प्रयास में जुटा हुआ है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे बंद, सिरोहबगड़ में मलबा
ऋषिकेश से बदरीनाथ को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) सिरोहबगड़ के पास बीती रात से मलबा आने के कारण पूरी तरह बंद हो गया है। यह मार्ग चारधाम यात्रा के लिए मुख्य मार्गों में से एक है और इसके बंद होने से तीर्थयात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और मलबा हटाने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण कार्य में बार-बार बाधा आ रही है।
केदारनाथ यात्रा कुछ समय के लिए रोकी गई
केदारनाथ धाम की यात्रा भी मौसम की मार झेल रही है। भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग में सुरक्षा के दृष्टिकोण से तीर्थयात्रियों को कुछ समय के लिए रोका गया। हालांकि मौसम में थोड़ी राहत मिलने पर धीरे-धीरे यात्रियों को आगे बढ़ने दिया गया। प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें और अनावश्यक जोखिम से बचें।
यमुनोत्री हाईवे 12वें दिन भी बंद
यमुनोत्री यात्रा मार्ग भी फिलहाल पूरी तरह से ठप है। ओजरी के पास पिछले 12 दिनों से यमुनोत्री हाईवे मलबा और भूस्खलन की वजह से बंद पड़ा है। इसके चलते सैकड़ों यात्री और स्थानीय लोग प्रभावित हो रहे हैं। नजदीकी गांवों से संपर्क भी कट गया है, जिससे खाद्य सामग्री और जरूरत की चीजें पहुंचाने में परेशानी आ रही है।
बैली ब्रिज का निर्माण अंतिम चरण में
यमुनोत्री मार्ग को फिर से खोलने के लिए राजमार्ग निर्माण खंड की ओर से ओजरी के पास बैली ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। विभाग के ईई (कार्यकारी अभियंता) मनोज रावत ने जानकारी दी कि ब्रिज पर डेग प्लेट बिछाई जा रही है और यदि मौसम ने साथ दिया, तो दोपहर बाद इसे हल्के वाहनों के लिए खोला जा सकता है। ब्रिज के चालू होते ही मार्ग आंशिक रूप से बहाल होने की उम्मीद है।
राज्यभर में 87 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के कारण कुल 87 सड़कें बंद हैं। इनमें कई प्रमुख मार्ग भी शामिल हैं, जो जिलों के आपसी संपर्क को बाधित कर रहे हैं।
जिलावार विवरण इस प्रकार है:
चमोली: 17 सड़कें बंद
बागेश्वर: 9 सड़कें बंद
अल्मोड़ा: 1 सड़क बंद
चंपावत: 3 सड़कें बंद
देहरादून: 5 सड़कें बंद
नैनीताल: 7 सड़कें बंद
पौड़ी गढ़वाल: 6 सड़कें बंद
पिथौरागढ़: 15 सड़कें बंद
रुद्रप्रयाग: 4 सड़कें बंद
टिहरी गढ़वाल: 8 सड़कें बंद
उत्तरकाशी: एक राजमार्ग सहित 12 सड़कें बंद
प्रशासन सतर्क, राहत कार्य जारी
राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। आपदा प्रबंधन टीमें, जेसीबी और संबंधित विभागों की मशीनें तैनात कर दी गई हैं, ताकि प्रभावित सड़कों को जल्द से जल्द खोला जा सके। कुछ क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की मदद से राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है।
यात्रियों से प्रशासन की अपील
प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे किसी भी यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें। स्थानीय प्रशासन के साथ संपर्क में रहना, सुरक्षित मार्गों का चयन करना और अनावश्यक यात्रा से बचना फिलहाल सबसे बेहतर विकल्प है।
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निष्कर्ष:
बारिश ने जहां एक ओर उत्तराखंड की खूबसूरती को और निखारा है, वहीं दूसरी ओर जनजीवन के लिए खतरा भी पैदा किया है। चारधाम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की यात्रा में बाधाएं आने से न केवल श्रद्धालु प्रभावित हैं, बल्कि स्थानीय व्यवसाय और जीवनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो गई है। हालांकि प्रशासन स्थिति को संभालने में जुटा है, लेकिन
फिलहाल सभी की सुरक्षा मौसम के मिजाज पर ही निर्भर करती है।