Uttarakhand :उत्तराखंड सरकार ने राज्य को देश और दुनिया के प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए “Wed in Uttarakhand” नामक एक नई योजना का खाका तैयार किया है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यटन बढ़ाने के विजन को आगे बढ़ाते हुए बनाई गई है। योजना के तहत राज्य में प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक शांति और साहसिक स्थलों को मिलाकर विवाह पर्यटन (Wedding Tourism) को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों को प्रयोग में लाकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना है। सरकार का मानना है कि इस प्रयास से राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन उद्योग को नई दिशा मिलेगी।
तैयार हुआ डेस्टिनेशन वेडिंग फ्रेमवर्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए आधिकारिक फ्रेमवर्क जारी कर दिया है। इस फ्रेमवर्क के तहत राज्य में विवाह पर्यटन के लिए एक मजबूत और संगठित पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) विकसित किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए एक राज्य स्तरीय ‘विवाह पर्यटन विकास समिति’ का गठन होगा, जो निगरानी, मूल्यांकन और आवश्यक सुधार के काम करेगी।
एकल खिड़की पोर्टल और सशक्त नियम
सरकार विवाह स्थलों, सेवा प्रदाताओं और टूर ऑपरेटरों के लिए प्रमाणन और पैनल व्यवस्था लागू करेगी। विवाह आयोजन के लिए लाइसेंस और अनुमतियों के लिए एक समर्पित “एकल खिड़की पोर्टल” (Single Window Portal) बनाया जाएगा, जहां विवाह से संबंधित सभी नियम, विनियम और सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी।
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए शोर नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और पारिस्थितिकीय प्रभाव को कम करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे। इस दिशा में विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाएगा।
छिपे हुए स्थलों को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार नए और कम प्रसिद्ध स्थलों को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए विकसित करेगी। इनमें सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों, नदी किनारे के गांवों, विरासत संपत्तियों और प्राकृतिक घाटियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन स्थानों पर सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के साथ-साथ पानी, बिजली और संचार जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) और केएमवीएन (कुमाऊं मंडल विकास निगम) पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इस योजना में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
विवाह स्थल और थीम आधारित पैकेज
राज्य सरकार की योजना है कि थीम आधारित विवाह पैकेज तैयार किए जाएं। इनमें साहसिक विवाह (adventure wedding), आध्यात्मिक विवाह (spiritual wedding), पर्यावरण अनुकूल विवाह (eco-friendly wedding) और पारंपरिक कुमाऊंनी या गढ़वाली शैली में विवाह जैसी विविध शैलियों को शामिल किया जाएगा।
इन थीम पर आधारित विवाह स्थलों को लेकर अनुभवात्मक पर्यटन क्लस्टर भी बनाए जाएंगे। उदाहरण के लिए, ऋषिकेश में गंगा किनारे विवाह, मसूरी में पहाड़ी रिसॉर्ट में विवाह, अल्मोड़ा की विरासत हवेलियों में पारंपरिक विवाह जैसी संभावनाएं तैयार की जाएंगी।
प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण
राज्य सरकार विवाह स्थलों के प्रचार के लिए एक समग्र विपणन योजना तैयार करेगी। इसके तहत डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, प्रिंट व टेलीविजन के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। इन स्थलों की सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक महत्ता को भी प्रचार सामग्री में प्रमुखता से दिखाया जाएगा।
साथ ही, इवेंट प्लानर्स, ट्रैवल एजेंट्स और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को संभावित स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा ताकि वे इन स्थानों को अपनी सेवाओं में शामिल कर सकें।
निजी क्षेत्र का सहयोग
सरकार की इस योजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। निजी होटलों, रिसॉर्ट्स और इवेंट कंपनियों के सहयोग से अस्थायी आवास, टेंट और अन्य आयोजन से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्थानीय उद्यमियों को भी इस क्षेत्र में व्यवसायिक अवसर दिए जाएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
रोजगार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा लाभ
इस पहल के ज़रिए स्थानीय युवाओं के लिए इवेंट प्लानिंग, हॉस्पिटैलिटी, गाइड सेवाओं और हस्तशिल्प में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, स्थानीय उत्पादों जैसे कि पारंपरिक परिधानों, सजावटी वस्तुओं, संगीत और भोजन को वैश्विक पहचान मिलेगी।
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“Wed in Uttarakhand” पहल राज्य के पर्यटन परिदृश्य को नया आयाम देने जा रही है। जहां एक ओर यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा को सामने लाएगी, वहीं दूसरी ओर यह राज्य के लोगों के लिए रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी खोलेगी। सरकार की यह दूरदर्शी योजना उत्तराखंड को भारत का प्रमुख विवाह पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।