उत्तराखंड में इन दिनों मौसम के मिजाज में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। खासकर पर्वतीय और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों में बारिश और तेज हवाओं का असर महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग ने पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के कुछ इलाकों में तेज बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में आज सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत जरूर दी है, लेकिन कई जगहों पर जलभराव जैसी स्थिति भी बन गई है। दूसरी ओर, पर्वतीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ मौसम पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है।
हेमकुंड साहिब में बर्फबारी के बाद साफ मौसम
शनिवार को हेमकुंड साहिब में बर्फबारी देखने को मिली थी, जिससे तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि रविवार सुबह से ही मौसम खुल गया और श्रद्धालुओं का आगमन फिर से शुरू हो गया है। साफ मौसम के चलते तीर्थयात्रियों में उत्साह देखने को मिला और धार्मिक स्थल पर चहल-पहल बढ़ गई।
कई जिलों में वर्षा की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, रविवार 2 जून को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य भागों में भी छिटपुट वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि इन जिलों में कहीं-कहीं गरज और चमक के साथ बारिश हो सकती है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सावधान रहने की जरूरत है।
येलो अलर्ट और तेज हवाओं की चेतावनी
विशेष रूप से पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के कुछ क्षेत्रों में तेज वर्षा के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस चेतावनी का उद्देश्य लोगों को संभावित जलभराव, भूस्खलन और अन्य आपदाओं से बचाव के लिए पहले से सतर्क करना है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य के कुछ इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
यह तेज हवाएं विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और खुले स्थानों में मौजूद तंबुओं या ढांचों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए विभाग ने किसानों, पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे मौसम से संबंधित अपडेट पर ध्यान दें और बिना जरूरी कारण के जोखिम न लें।
आगामी दिनों में मौसम कैसा रहेगा?
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 5 जून तक मौसम में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इस अवधि के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में कभी धूप, कभी बादल और रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट आ सकती है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में उमस बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसम कृषि के लिए मिला-जुला असर डाल सकता है। जहां एक ओर वर्षा से खेतों में नमी बढ़ेगी, वहीं अत्यधिक वर्षा से फसलों को नुकसान भी हो सकता है। इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने कृषि कार्यों की योजना मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर बनाएं।
प्रशासन की तैयारियां और अपील
मौसम की इस बदली तस्वीर को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क मोड में हैं और संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें।
स्कूलों और कॉलेजों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि आपातकालीन स्थिति में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा बिजली विभाग और नगर निकायों को भी अलर्ट किया गया है ताकि जलभराव या बिजली आपूर्ति में बाधा जैसी
समस्याओं से निपटा जा सके।