विकासनगर क्षेत्र में वन्य जीव अंगों की तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ और कोतवाली पुलिस ने संयुक्त अभियान में हिरण के दो पैर और कस्तूरी के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। आरोपी उत्तरकाशी जिले का रहने वाला है और लाखामंडल क्षेत्र से इन अंगों को खरीदकर तस्करी के इरादे से विकासनगर में बेचने आया था। पुलिस ने आरोपी पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को एसटीएफ को विकासनगर क्षेत्र में हिरण के अंगों की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके आधार पर एसटीएफ के उप निरीक्षक नरोत्तम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में एक टीम को क्षेत्र में भेजा गया। टीम ने प्रेमनगर क्षेत्र में पुलिस से संपर्क कर अतिरिक्त सहायता प्राप्त की। इसके बाद, उपनिरीक्षक सनोज कुमार की अगुवाई में टीम ने शक्तिनहर पुल के पास छानबीन शुरू की। मुखबिर के बताए अनुसार, पुलिस को टिन शेड के पास खड़ा एक संदिग्ध व्यक्ति मिला। उसकी तलाशी लेने पर उसकी जेब से एक पॉलिथीन में रखे हिरण के दो पैर और कस्तूरी बरामद हुई।
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ने अपनी पहचान उत्तरकाशी के नौगांव, लारा गांव निवासी कृष्ण कुमार के रूप में बताई। उसने यह भी बताया कि वह वर्तमान में हरबर्टपुर की विजय कॉलोनी में रह रहा है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि ये अंग उसने लाखामंडल के निवासी विक्की उर्फ विवेक से खरीदे थे। विक्की ने कृष्ण कुमार से कहा था कि जब अंग बिक जाएंगे, तो वह उसे पैसे देगा। पुलिस के अनुसार, तस्कर के पास से आर्मी का एक कैंटीन कार्ड भी मिला है, जिससे तस्करी के अन्य कोणों की जांच की जा रही है।
कोतवाली प्रभारी राजेश साह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और उसे हिरासत में ले लिया गया है। फिलहाल, पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने तस्कर को ये अंग उपलब्ध कराए थे। इस घटना के बाद वन्य जीव तस्करी पर कड़ी निगरानी रखने और इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन की सक्रियता बढ़ाई गई है।