हरिद्वार में आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) के मुख्यालय से एक दारोगा की 9 एमएम की सरकारी पिस्टल रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो जाने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि उधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर स्थित एटीएस यूनिट से एएसआई प्रकाश सिंह अपने निजी वाहन में तीन सरकारी हथियार लेकर हरिद्वार एटीएस मुख्यालय पहुंचे थे। लेकिन जब हथियार जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो उनमें से एक 9 एमएम की पिस्टल गायब मिली।
सूत्रों के अनुसार, एएसआई प्रकाश सिंह रुद्रपुर से हरिद्वार के बीच सफर के दौरान कई स्थानों पर रुके थे। आशंका जताई जा रही है कि रास्ते में किसी दौरान यह पिस्टल चोरी हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही एटीएस और स्थानीय पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, जिसके बाद एटीएस के प्लाटून कमांडर अमित सिंह की तहरीर पर रानीपुर कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
रानीपुर कोतवाली के एसएसआई नितिन चौहान ने बताया कि पिस्टल चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच कई पहलुओं से की जा रही है। पुलिस की एक टीम को रुद्रपुर से हरिद्वार तक के पूरे रूट की छानबीन में लगाया गया है। साथ ही रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिस्टल किस जगह से और किस परिस्थिति में गायब हुई।
इस घटना ने एटीएस के अंदर सुरक्षा मानकों और हथियारों की निगरानी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तीन सरकारी हथियार निजी वाहन में ले जाना और बीच रास्ते में कई जगह रुकना, विभागीय नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि एएसआई की इस लापरवाही से न केवल सुरक्षा खतरे में पड़ी है, बल्कि संवेदनशील हथियार के गलत हाथों में जाने का खतरा भी बढ़ गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गायब हुई 9 एमएम की पिस्टल अत्याधुनिक तकनीक से लैस थी। इसलिए उसके दुरुपयोग की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। यह मामला और भी गंभीर इसलिए हो जाता है क्योंकि यह हथियार आतंकवाद निरोधी दस्ते के पास दर्ज था।
फिलहाल पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीमें इस घटना की तहकीकात में जुटी हैं। रुद्रपुर से हरिद्वार के बीच के सभी संभावित स्थानों पर छानबीन जारी है। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि यदि एएसआई की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने न केवल पुलिस प्रशासन में हलचल मचा दी है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि इतने संवेदनशील हथियारों की आवाजाही के दौरान निगरानी व्यवस्था आखिर इतनी ढीली क्यों रखी गई? जांच के नतीजे आने तक पुलिस विभाग पर सवालों का साया बना रहेगा।




 
									 
					


