पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। उन पर वर्ष 2011 से धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम उल्लंघन का मुकदमा चल रहा है। आरोप है कि उन्होंने गलत दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाया और खुर्जा स्थित एक शिक्षण संस्थान से फर्जी डिग्री हासिल की।
सीबीआई कोर्ट में विशेष मजिस्ट्रेट ने आचार्य बालकृष्ण से आरोपों और उपलब्ध साक्ष्यों को लेकर सवाल किए। इस मामले में संस्थान के तत्कालीन प्रिंसिपल का भी बयान दर्ज होना था, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह उपस्थित नहीं हो सके। अब उनके बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किए जाएंगे।
गौरतलब है कि आचार्य बालकृष्ण की नागरिकता को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी। वर्ष 2016 में एजेंसी ने नेपाल सरकार से भी पत्राचार किया था। जांच पूरी होने पर धोखाधड़ी, जालसाजी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। इसी मामले में संस्थान के पूर्व प्रिंसिपल पर भी आरोप तय किए गए।
वर्तमान में यह मामला विशेष मजिस्ट्रेट की अदालत में विचाराधीन है। इस सुनवाई के तहत आरोपी पक्ष के सीआरपीसी की धारा 313 के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पिछली तारीख पर दोनों आरोपी अनुपस्थित थे, लेकिन इस बार आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में उपस्थित हुए जबकि पूर्व प्रिंसिपल ने स्वास्थ्य कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज करने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर
लिया।