राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी निवासी और ओएनजीसी त्रिपुरा में जनरल मैनेजर पद पर कार्यरत एक अधिकारी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए। शेयर बाजार में बड़े मुनाफे का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने उनसे लगभग 7.39 करोड़ रुपये हड़प लिए। अधिकारी की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे रचा गया धोखे का जाल
15 जून को पीड़ित को “वेल्थ सीक्रेट एक्सचेंज” नामक व्हाट्सएप ग्रुप का लिंक भेजा गया। ग्रुप का एडमिन खुद को मुकेश शर्मा बताकर उन्हें निवेश के जरिए मोटा लाभ कमाने का लालच देता रहा। बाद में 25 जुलाई को एक ऐप का लिंक भेजा गया और आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें पैसे लगाने के लिए उकसाया गया।
इसके बाद उन्हें “डिसिप्लेन टीम” नामक दूसरे ग्रुप में भी जोड़ा गया, जिसमें सात लोग और थे। ग्रुप के जरिए लगातार शेयर और आइपीओ में निवेश करने का दबाव बनाया गया। भरोसा करके अधिकारी ने 22 जुलाई से 20 अगस्त के बीच 15 अलग-अलग खातों में करोड़ों रुपये जमा करा दिए।
ऐप पर दिखाया गया फर्जी मुनाफा
निवेश के बाद उस ऐप पर लगभग 100 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया गया। लेकिन 21 अगस्त को जब उन्होंने पांच करोड़ रुपये निकालने की कोशिश की तो अगले दिन उन्हें तीन करोड़ रुपये टैक्स जमा करने का मैसेज भेजा गया। टैक्स काटकर रकम लौटाने की मांग करने पर ठगों ने अंतरराष्ट्रीय ब्रोकर फर्म का हवाला देकर और टैक्स की मांग शुरू कर दी।
शिकायत पर कार्रवाई
जब रकम वापस नहीं मिली तो पीड़ित को ठगी का संदेह हुआ। 22 अगस्त को उन्होंने साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने केस दर्ज कर जांच
शुरू कर दी है।