देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाओं को आगे बढ़ा रही है। खासतौर पर नैनीताल और देहरादून के चकराता क्षेत्र को केंद्र में रखकर दो महत्वपूर्ण फाइव स्टार होटल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन दोनों परियोजनाओं के लिए आगामी 15 दिनों के भीतर टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की योजना है।
सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य के दूरस्थ और सुंदर पर्वतीय इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देना है, जिससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।
पटवाडागर और नगाऊ में बनेंगे लग्जरी होटल
नैनीताल के पटवाडागर और चकराता के नगाऊ क्षेत्र में फाइव स्टार होटल बनाए जाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया है। दोनों स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं और यहां साल भर पर्यटकों की अच्छी आवाजाही होती है। इन स्थानों पर विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले होटल विकसित होने से पर्यटकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और क्षेत्र की लोकप्रियता में इजाफा होगा।
नियोजन सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने जानकारी दी कि इन परियोजनाओं के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है और संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर लिया गया है। आगामी पंद्रह दिनों में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी ताकि निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जा सके।
धनोल्टी और मागरा की योजनाएं रद्द
टिहरी गढ़वाल जिले के धनोल्टी और मागरा क्षेत्र में भी फाइव स्टार होटल और मनोरंजन पार्क बनाने की योजना थी, लेकिन भूमि से जुड़े मसलों के कारण इन योजनाओं को रद्द कर दिया गया है। जांच के दौरान सामने आया कि यह भूमि वन विभाग के अंतर्गत आती है। चूंकि वन भूमि पर औद्योगिक और व्यावसायिक विकास की अनुमति नहीं मिल सकती, इसलिए इन प्रस्तावों को वापस ले लिया गया है।
धनोल्टी में प्रस्तावित फाइव स्टार होटल और मागरा में प्रस्तावित प्रीमियम रिजॉर्ट व मनोरंजन पार्क की योजनाएं पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक थीं, लेकिन पर्यावरणीय नियमों और भूमि की स्थिति को देखते हुए इन्हें हरी झंडी नहीं मिल सकी।
भविष्य के लिए 12 नए स्थल चिन्हित
सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश और पर्यटन को और गति देने के लिए 12 नए स्थलों की भी पहचान की है। इन स्थानों को औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के विकास के लिए उपयुक्त माना गया है। इनमें होटल, रिसॉर्ट, एडवेंचर टूरिज्म और अन्य सेवा आधारित उद्योगों की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
इन स्थलों पर भविष्य में विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी, और इस पर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर निर्णय लिए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि इन नए स्थानों पर निवेश से ना सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा।
इन्वेस्टर्स समिट का असर
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में देहरादून में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कई निवेशकों ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई थी। विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में जैसे होटल, हॉस्पिटैलिटी, वेलनेस टूरिज्म और मनोरंजन पार्क आदि में निवेश के प्रति सकारात्मक रुख देखा गया।
इसके बाद उत्तराखंड निवेश एवं बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (UIDBI) ने प्रारंभिक रूप से चार स्थानों को चयनित किया था, जिनमें से नैनीताल, चकराता, धनोल्टी और मागरा प्रमुख थे। अब इन चार में से दो स्थानों — नैनीताल और चकराता — पर परियोजनाएं आगे बढ़ रही हैं, जबकि बाकी दो योजनाएं भूमि संबंधी अड़चनों के कारण रद्द हो चुकी हैं।
रोजगार और विकास की नई संभावनाएं
उत्तराखंड सरकार की इन पहलों से राज्य के दूरस्थ पर्वतीय इलाकों में स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलेगा। फाइव स्टार होटल, रिजॉर्ट और अन्य परियोजनाओं के माध्यम से न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा।
राज्य सरकार का कहना है कि वह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हुए विकास कार्य करेगी और पर्यावरणीय नियमों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि उन्हें इस विकास से सीधा लाभ मिल सके।
—
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार ने पर्वतीय पर्यटन और सेवा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। नैनीताल और चकराता में फाइव स्टार होटल की मंजूरी इसके संकेत हैं कि राज्य अब पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए गंभीर है। हालांकि कुछ परियोजनाएं भूमि विवादों के कारण रद्द करनी पड़ीं, फिर भी सरकार भविष्य के लिए नए स्थलों पर विकास योजनाएं तैयार कर रही है। इन पहलों से उत्तराखंड को पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास के नए रास्ते मिल सकते हैं।