देहरादून में सरकारी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर प्रशासन ने बेहद सख्त रुख अपना लिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर विभागीय अधिकारी समय पर अवैध कब्जे नहीं हटाते हैं, तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी और उन्हें निलंबन का सामना भी करना पड़ेगा। सभी विभागों को दो दिन के भीतर अतिक्रमण की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश जारी किए गए हैं।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों पर अब अफसरों की जिम्मेदारी तय
डीएम ने साफ कर दिया है कि यह अब विभागों की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि उनकी अधीनस्थ भूमि पर मौजूद हर तरह का अतिक्रमण निर्धारित समय में हटाया जाए।
जिले में सरकारी जमीनों, रास्तों, नहरों, भवनों और कार्यालय परिसरों पर चल रहे अवैध निर्माण और कब्जों को लेकर अब विभागाध्यक्षों को सीधे जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
इंटर-डिपार्टमेंटल समीक्षा बैठक में डीएम का कड़ा संदेश
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों से सख्त लहजे में सवाल पूछे—
“आपकी अतिक्रमण हटाने की तय समय सीमा क्या है?”
उन्होंने चेताया कि केवल चिट्ठियां भेजने से काम नहीं चलेगा, अब जमीनी कार्रवाई दिखनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और शासन स्तर पर लगातार इस अभियान की प्रगति पर नजर रखी जा रही है, ऐसे में किसी भी विभाग द्वारा ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सख्त निर्देश: समय पर अतिक्रमण नहीं हटाया तो गिरेगी गाज
डीएम सविन बंसल ने चेतावनी दी कि—
समयसीमा में कार्रवाई नहीं हुई तो वेतन रोका जाएगा
लापरवाही पर निलंबन किया जाएगा
गंभीर चूक मिलने पर सेवाबाधित जैसी कार्रवाई भी संभव है
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिन विभागों की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, वे इसका तत्काल प्रमाण-पत्र जमा करें और इसे गूगल शीट पर अपडेट करें।

