उत्तराखंड सरकार ने राज्य की सुरक्षा और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन सरकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जो अपात्र व्यक्तियों को आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली और पानी के कनेक्शन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने ऐसे कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर बर्खास्तगी की कार्यवाही प्रारंभ करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही राज्य की सुरक्षा से खिलवाड़ है और इस पर किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जाएगा।
संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी आदेश दिए कि बाहरी व्यक्तियों और संदिग्ध गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाए। सरकार अवैध अतिक्रमण और आपराधिक गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाए हुए है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनशिकायतों का त्वरित निस्तारण
मुख्यमंत्री ने जन शिकायतों के शीघ्र समाधान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनता को अनावश्यक रूप से सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें, यह सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारियों को नियमित जन सुनवाई करने और शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
विलंब करने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी कार्यों में लापरवाही बरतते हैं या अनावश्यक देरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही बिजली बिलों को लेकर आ रही शिकायतों के जल्द निस्तारण और स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के आदेश भी दिए गए।
प्रगति रिपोर्ट की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आगामी समीक्षा बैठक से पहले सभी निर्देशों पर की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी निर्देशों का पालन किया जा रहा है और राज्य की सुरक्षा और पारदर्शिता में सुधार हो रहा है।
आगे की संभावनाएं:
– सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई: मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की संभावना है।
– राज्य की सुरक्षा में सुधार: सरकार की इस पहल से राज्य की सुरक्षा में सुधार होने की संभावना है।
– जनता को राहत: जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण से जनता को राहत मिलेगी।