देहरादून, उत्तराखंड
उत्तराखंड में कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार और संवैधानिक संस्थाओं के कामकाज पर सवाल उठाते हुए सख्त रुख अपनाया है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ अचानक राजभवन के बाहर धरने पर बैठ गए। कांग्रेस की मांग है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार को उनके पद से हटाया जाए।
करन माहरा का कहना है कि वे बीते कुछ दिनों से राज्यपाल से मिलने का समय मांग रहे थे, ताकि निर्वाचन आयुक्त द्वारा किए जा रहे कथित असंवैधानिक फैसलों पर चर्चा की जा सके, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसी नाराज़गी के चलते उन्होंने धरना देने का फैसला लिया।
धरने में वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना समेत कई कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया। थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने धरने पर बैठे नेताओं को हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव से जुड़ी प्रक्रियाओं में नियमों की अनदेखी की है और उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम की कुछ धाराओं का उल्लंघन करते हुए पत्र जारी किया है, जो संविधान के अनुरूप नहीं है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
माहरा ने कहा कि यह लड़ाई संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है और कांग्रेस पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात र
खती रहेगी।