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हाल ही में उत्तराखंड में एक बड़ा साइबर हमला हुआ, जिससे राज्य का पूरा आईटी सिस्टम ठप हो गया था। इस हमले के कारण सरकारी कामकाज पर व्यापक असर पड़ा, और सचिवालय समेत विभिन्न विभागों में काम पूरी तरह से रुक गया। स्टेट डाटा सेंटर पर हुए मालवेयर अटैक की वजह से उत्तराखंड की कई महत्वपूर्ण सरकारी साइटों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था, जिसमें ‘अपनी सरकार’, ‘ई-ऑफिस’ और ‘चारधाम पंजीकरण’ जैसी प्रमुख सेवाएं शामिल थीं।

 

प्रमुख वेबसाइटों की पुनः बहाली

 

रविवार को कुछ मुख्य सरकारी वेबसाइटों को फिर से सुचारू किया गया। इससे पहले, शनिवार को सीएम हेल्पलाइन सेवा को फिर से बहाल किया गया था। यह हमला 2 अक्टूबर को हुआ था, जिसके कारण कई महत्वपूर्ण सेवाओं को बंद करना पड़ा था। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून लौटने के बाद एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र), आईटीडीए (सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी), और पुलिस विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के साथ एक अहम बैठक की थी।

 

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि सोमवार तक सभी साइटें फिर से सुचारू रूप से चलने लगें। आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए अधिकांश मुख्य साइटों को फिर से शुरू कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 5 अक्टूबर तक सीएम हेल्पलाइन और स्टेट पोर्टल जैसी सुविधाओं को भी बहाल कर दिया गया था।

 

600 से अधिक शिकायतें दर्ज

 

आईटी सेवाओं के ठप होने के कारण जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन सेवाओं की बहाली के बाद अब स्थिति में सुधार हो रहा है। सीएम हेल्पलाइन पर पिछले दो दिनों में लगभग 2034 कॉल्स आईं, जिनमें से 1879 कॉल्स को वापस दर्ज किया गया और लगभग 600 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। अब सभी प्रमुख सेवाएं, जिनमें ‘अपनी सरकार’, ‘ई-ऑफिस’, ‘ई-रवन्ना पोर्टल’ और ‘चारधाम रजिस्ट्रेशन’ शामिल हैं, को फिर से चालू कर दिया गया है।

 

सेवाओं में देरी और राजस्व पर असर

 

साइबर हमले के कारण सरकार की 800 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हुई थीं। हालाँकि, सभी सेवाओं को अब धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान सेवाओं की लंबी पेंडेंसी हो गई है। इस रुकावट के कारण राजस्व को होने वाले नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है। आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में वित्तीय नुकसान का सीधा असर नहीं दिखा है। हालांकि, जिन सेवाओं से राजस्व उत्पन्न होता है, उनका मूल्यांकन किया जा रहा है।

 

इस पूरे घटनाक्रम में यह ध्यान देने योग्य बात है कि किसी भी प्रकार का डाटा लॉस नहीं हुआ है। सभी महत्वपूर्ण डाटा सुरक्षित है और संबंधित सेवाएं क्रमवार तरीके से फिर से सुचारू की जा रही हैं।

 

आगे की चुनौतियाँ और समाधान

 

आईटी सेवाओं की बहाली के साथ ही कई विभागों में लंबित सेवाओं को जल्द से जल्द निपटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मालवेयर अटैक से हुए इस व्यवधान ने यह भी उजागर किया है कि साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उत्तराखंड सरकार अब भविष्य में ऐसे हमलों से निपटने के लिए और अधिक मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

 

इस घटना से यह साफ हो गया है कि राज्य की आईटी संरचना को और अधिक सुरक्षित और सक्षम बनाने की जरूरत है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के नए प्रोटोकॉल पर भी काम किया जा रहा है, ताकि राज्य की महत्वपूर्ण सेवाएं निरंतर और सुरक्षित रूप से जनता के लिए उपलब्ध रहें।

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