उत्तराखंड सरकार ने राज्य में ‘थूक जिहाद’ जैसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी घटनाओं पर तुरंत रोक लगाने और संबंधित मामलों को गंभीरता से लेने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अभिनव कुमार ने सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
संभावित अध्यादेश की तैयारी, कानून में होंगे बदलाव
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी ने इस प्रकार की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए राज्य के मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और आवश्यकतानुसार नए प्रावधान जोड़ने के निर्देश दिए हैं। यदि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जरूरत महसूस होती है, तो सरकार अध्यादेश लाकर कानून में संशोधन भी कर सकती है।
थूक जिहाद की घटनाओं पर विशेष निगरानी
राज्य में हाल के दिनों में कई स्थानों पर खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के बढ़ते मामलों पर कड़ी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, गृह सचिव शैलेश बगौली और पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की। बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए होटल, ढाबा और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कड़ी निगरानी की जाएगी।
होटलों और रसोईघरों में कैमरों की होगी अनिवार्यता
पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि होटल, ढाबों और रेहड़ी-खोखों पर कार्यरत कर्मचारियों का शत-प्रतिशत सत्यापन कराया जाए। इसके साथ ही, रसोईघरों में CCTV कैमरे लगाने के लिए प्रबंधकों को प्रोत्साहित करने को कहा गया है। पेट्रोलिंग के दौरान भी पुलिस ऐसी गतिविधियों पर नजर रखेगी, जबकि खाद्य विभाग के सहयोग से होटलों और ढाबों की आकस्मिक जांच की जाएगी।
कानूनी कार्रवाई के सख्त प्रावधान
DGP के निर्देशानुसार, खाद्य पदार्थों में मिलावट या थूकने जैसी घटनाओं पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 274 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जो खाद्य और पेय पदार्थों में मिलावट से संबंधित है। यदि यह कृत्य सार्वजनिक स्थानों पर होता है और लोगों की असुविधा का कारण बनता है, तो उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धारा 81 के अंतर्गत भी कार्रवाई होगी।
धार्मिक भावनाओं को आहत करने या समाज में विद्वेष फैलाने वाले मामलों में IPC की धारा 196(1) और धारा 299 के तहत गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दी सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा, “उत्तराखंड में इस तरह की असंवेदनशील हरकतों के लिए कोई स्थान नहीं है। जो भी इस प्रकार के दुष्कृत्य में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की घटनाएं केवल खाद्य पदार्थों को दूषित नहीं करतीं, बल्कि लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाती हैं। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
सरकार की सख्ती से व्यवसाय जगत में सतर्कता बढ़ी
सरकार के इस कदम के बाद होटल और रेहड़ी-खोखा संचालकों में सतर्कता बढ़ गई है। कई प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों के सत्यापन और रसोईघरों में कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस और खुफिया इकाइयों की मदद से भी ऐसे मामलों की निगरानी की जा रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके।
इस कड़े रुख से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि राज्य में ऐसी अनुचित हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।