देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार जनता के हितों के लिए बिना किसी दबाव के सख्त और निर्णायक कदम उठाती रहेगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अतिक्रमणकारियों, घुसपैठियों और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“अतिक्रमणकारियों और घुसपैठियों के लिए देवभूमि में जगह नहीं”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती पर अतिक्रमण और घुसपैठ की कोई जगह नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब सरकार अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई करती है, तब विपक्ष बेचैन हो उठता है।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा,
“जो लोग सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर राज्य की डेमोग्राफी को बदलने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें वापस वहीं भेजा जाएगा, जहां से वे आए हैं।”
मदरसों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर कड़ा रुख
धामी ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार शिक्षा संस्थानों की आड़ में चल रही किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी मदरसे में शिक्षा की जगह आतंक फैलाने की साजिश रची जाएगी तो सरकार कड़ी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मंदिर स्थापित हों, जहां बच्चों को आधुनिक और मूल्य आधारित शिक्षा मिले, न कि उन्हें सदियों पुरानी कबीलाई सोच की ओर धकेला जाए।
समान नागरिक संहिता: समान अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करके सरकार ने हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी तुष्टिकरण की राजनीति में इतने लिप्त हैं कि वे बाबा भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों को मानने से भी पीछे हट रहे हैं।
“विपक्ष हर निर्णय को वोट बैंक की राजनीति के चश्मे से देखता है, जबकि हमारी सरकार केवल राज्य और राष्ट्र के हित में सोचती है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
“लैंड जिहाद” से मुक्त हुई 9000 एकड़ से अधिक भूमि
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने “लैंड जिहाद” के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 9000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया है। उन्होंने कहा कि अब इस भूमि का उपयोग राज्य के विकास और सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए किया जाएगा।
जब बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने सुझाव दिया कि इस भूमि को बेघरों को दे दिया जाए, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नियमानुसार और राज्यहित के अनुरूप इसका सर्वोत्तम उपयोग करेगी।
“कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समाज की परिभाषा सीमित की”
धामी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति की और अल्पसंख्यक समाज की परिभाषा को केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित कर दिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध समुदायों को भी समान अधिकार देने का कार्य किया है।
“हमने उत्तराखंड की पहचान पर लगा कलंक मिटाने का काम किया है, जो कांग्रेस की वोट बैंक राजनीति ने लगाया था,” मुख्यमंत्री ने कहा।
एआई तकनीक से शासन व्यवस्था में सुधार
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार “सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि” मंत्र के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, ताकि आम जनता को तेज और पारदर्शी सेवाएं मिल सकें।
“उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाना हमारा विकल्पहीन संकल्प”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने अपनी 25 वर्ष की यात्रा में अनेक चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन जनता के सहयोग से राज्य ने निरंतर प्रगति की है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनकर उभरेगा।
अपने भाषण का समापन उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शाखा गीत की पंक्तियों से किया—
“ये उथल-पुथल उत्ताल लहर, पथ से न डिगाने पाएगी,
पतवार चलाते जाएंगे, मंज़िल आएगी… आएगी मंज़िल आएगी।”







