प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत इस बार विशेष रूप से एफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम (एआरएच) पर जोर दिया गया है। इस योजना में एआरएच परियोजनाओं के कुल क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत हिस्सा व्यावसायिक उपयोग के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा, राज्य में अपनी जमीन पर घर बनाने वालों को इस बार ज्यादा वित्तीय सहायता मिल रही है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को राहत देते हुए अपनी केंद्रीय अंश को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.25 लाख रुपये कर दिया है, जबकि राज्य सरकार का अंश पहले 50 हजार रुपये था। 

 

एआरएच पर विशेष ध्यान, टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट का होगा इस्तेमाल

इस योजना के तहत टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस पहल के लिए राज्यों को अब प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने होंगे। उत्तराखंड में एआरएच के लिए नगर निकायों के साथ मिलकर जमीन की तलाश की जा रही है। इसके साथ ही, मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए नगर निकाय आवेदन कर सकेंगे। शहरी विकास सचिव नितेश झा ने बताया कि इस नई योजना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत चार प्रमुख श्रेणियाँ

1. **बीएलसी (लाभार्थी आधारित) योजना**: इस योजना के तहत, जिन लोगों के पास अपनी जमीन है, उन्हें सरकार द्वारा मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। केंद्र सरकार से 2.25 लाख रुपये की ग्रांट प्राप्त होगी, जबकि राज्य सरकार की ग्रांट अभी तय नहीं की गई है। पहले चरण में यह राशि 50 हजार रुपये थी।

 

2. **एएचपी (हाउसिंग प्रोजेक्ट) योजना**: इस श्रेणी में निजी या सरकारी स्तर पर तैयार किए गए हाउसिंग प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस भवन के लिए केंद्र से 2.25 लाख रुपये और राज्य से 50 हजार रुपये की सहायता प्राप्त होगी।

 

3. **एआरएच (रेंटल हाउसिंग) योजना**: इस श्रेणी में किराए पर दिए जाने वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट बनेंगे। इसके तहत केंद्र सरकार प्रति वर्ग मीटर 3000 रुपये और राज्य सरकार 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट देगी।

 

4. **आईएसएस (ब्याज सब्सिडी) योजना**: इस योजना के तहत, 35 लाख रुपये तक की कीमत वाले 120 वर्ग मीटर या इससे कम क्षेत्र के आवास खरीदने वाले लाभार्थियों को 1.80 लाख रुपये तक की लोन सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए लाभार्थियों की आय 25 लाख रुपये तक होनी चाहिए।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत उत्तराखंड को मिली इस वित्तीय राहत और नई योजनाओं के तहत, राज्य में आवास के मुद्दे को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

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