उत्तराखंड के चमोली ज़िले से एक बार फिर चिंताजनक खबर सामने आई है। बदरीनाथ के समीप स्थित कुबेर पर्वत से एक बड़ा ग्लेशियर टूटकर कंचनगंगा नाले में आ गिरा। इस अप्रत्याशित घटना के चलते इलाके में अफरातफरी मच गई और आसपास मौजूद लोग घबराकर सहम गए।
गनीमत रही कि इस बार किसी प्रकार की जान-माल की हानि की सूचना नहीं मिली है। उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने जानकारी दी कि ग्लेशियर के साथ कुछ चट्टानें भी गिरी हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।
यह पहला मौका नहीं है जब इस इलाके में ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आई हो। इससे पहले इसी साल 28 फरवरी को भी माणा कैंप के पास हिमस्खलन हुआ था, जब भारत-चीन सीमा के पास निर्माण कार्य में लगे 55 मज़दूर बर्फ में दब गए थे।
साल 2021 की भयावह त्रासदी को लोग आज भी नहीं भूले हैं, जब चमोली के रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में आई बाढ़ ने 206 लोगों की जान ले ली थी।
हालिया घटना ने एक बार फिर से पहाड़ी इलाकों में जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर गतिविधियों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन सतर्क है और स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है।