हर वर्ष हेमकुंड साहिब की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव लेकर आती है। 2025 में यह यात्रा और भी सुगम होने जा रही है, क्योंकि हेलिकॉप्टर सेवा के माध्यम से तीर्थयात्रियों को अब पहले से अधिक सुविधा और समय की बचत का लाभ मिलेगा। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब एक प्रमुख सिख तीर्थ स्थल है, जो समुद्र तल से लगभग 4633 मीटर (15,200 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।

 

25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट

 

हेमकुंड साहिब के कपाट 2025 में 25 मई को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे। इसी दिन से गोविंदघाट से घांघरिया तक की हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू हो जाएगी। यह सेवा पवन हंस एविएशन के माध्यम से संचालित की जाएगी और इसका उद्देश्य यात्रा को सरल और समयबद्ध बनाना है।

 

हेली सेवा की बुकिंग 19 मई से शुरू

 

हेली सेवा की ऑनलाइन टिकट बुकिंग 19 मई 2025 से दोपहर 12 बजे से शुरू हो गई है। इच्छुक यात्री आईआरसीटीसी (IRCTC) की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं। बुकिंग 25 मई से 22 जून तक की यात्रा अवधि के लिए उपलब्ध है।

 

बुकिंग प्रक्रिया

 

हेली सेवा की बुकिंग के लिए यात्रियों को नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा:

 

1. IRCTC की वेबसाइट पर जाएं – www.irctc.co.in

 

 

2. लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं।

 

 

3. “Helicopter Services” सेक्शन में जाएं।

 

 

4. गंतव्य का चयन करें: गोविंदघाट से घांघरिया।

 

 

5. अपनी यात्रा की तारीख और यात्रियों की संख्या भरें।

 

 

6. उपलब्ध स्लॉट्स में से उपयुक्त समय चुनें और भुगतान करें।

 

 

7. टिकट डाउनलोड करें और प्रिंट निकाल लें।

 

 

 

हवाई किराया और सेवाएं

 

इस सेवा का आने-जाने का कुल किराया 10,080 रुपये प्रति यात्री तय किया गया है। यह किराया एक व्यक्ति के लिए गोविंदघाट से घांघरिया और वापसी दोनों शामिल करता है। पवन हंस एविएशन की यह सेवा खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और शारीरिक रूप से कमजोर यात्रियों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जा रही है, क्योंकि पैदल यात्रा लगभग 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई वाली होती है।

 

घांघरिया: हेमकुंड साहिब की अंतिम बस्ती

 

घांघरिया वह स्थान है जहां से यात्री हेमकुंड साहिब की अंतिम चढ़ाई पैदल तय करते हैं। हेलिकॉप्टर सेवा उन्हें सीधे गोविंदघाट से घांघरिया पहुंचा देती है, जिससे समय की बचत होती है और शारीरिक श्रम भी कम होता है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है, जिसे श्रद्धालु ट्रेकिंग करके तय करते हैं।

 

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की भूमिका

 

हेली सेवा की पूरी योजना और संचालन की निगरानी उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) द्वारा की जा रही है। यूकाडा ने सेवा की पारदर्शिता, समयबद्धता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तिथि निर्धारित की और आईआरसीटीसी के साथ मिलकर बुकिंग प्रक्रिया को डिजिटल और सरल बनाया है।

 

महत्वपूर्ण निर्देश यात्रियों के लिए

 

1. हेलिकॉप्टर टिकट केवल IRCTC की वेबसाइट से ही बुक करें। किसी एजेंट या अनधिकृत वेबसाइट से बुकिंग न करें।

 

 

2. यात्रा की तारीख पर वैध पहचान पत्र (ID Proof) और टिकट की प्रति साथ लाना अनिवार्य है।

 

 

3. मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उड़ानों में परिवर्तन या विलंब संभव है, इसलिए यात्री लचीला यात्रा कार्यक्रम रखें।

 

 

4. हेली सेवा का लाभ उठाने वाले यात्रियों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, विशेषकर ऊंचाई की वजह से होने वाली समस्याओं के लिए।

 

 

 

श्रद्धालुओं के लिए वरदान

 

हेली सेवा खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जो समय की कमी या स्वास्थ्य कारणों की वजह से लंबी और कठिन पैदल यात्रा नहीं कर सकते। यह सेवा न केवल उनकी यात्रा को सुलभ बनाती है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक अनुभव का हिस्सा बनने का अवसर भी प्रदान करती है।

 

निष्कर्ष

 

हेमकुंड साहिब यात्रा 2025 श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक व्यवस्थित और आधुनिक यात्रा व्यवस्था का भी उदाहरण बन रही है। हेली सेवा जैसी सुविधाएं इस यात्रा को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बना रही हैं। यदि आप भी इस दिव्य स्थल की यात्रा का अनुभव लेना चाहते हैं, तो 19 मई से ही बु

किंग कर लें और 25 मई से शुरू हो रही इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनें।

 

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