उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में इस समय छह एक्टिव कोरोना मरीज हैं। इनमें से चार मरीजों को उनके घरों पर ही क्वारंटीन किया गया है जबकि दो मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये मरीज कैलाश अस्पताल और ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाजरत हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि इन छह मरीजों में से दो देहरादून जिले से और दो उत्तरकाशी जिले से संबंधित हैं। मरीजों की देखरेख और उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं। संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है और आवश्यक जांच की जा रही है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
प्रदेश में अब तक कुल 74 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि, अधिकांश मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। वर्तमान में जिन छह मरीजों का इलाज चल रहा है, उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि, “प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। सभी जिलों को सतर्क रहने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की व्यवस्था पहले से बेहतर की गई है।”
डेंगू के मामलों में भी उछाल
कोरोना वायरस के साथ-साथ उत्तराखंड में डेंगू के मामले भी चिंता का कारण बन रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में डेंगू के तीन नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड में डेंगू से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 141 तक पहुंच गई है।
डेंगू के सबसे अधिक मामले हल्द्वानी, देहरादून, रुड़की, और हरिद्वार क्षेत्र से सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान कर के फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा आम जनता को भी साफ-सफाई और पानी जमा न होने देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
डॉ. कुमार ने बताया कि, “डेंगू से निपटने के लिए प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।”
प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन दोनों ही स्तर पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कोरोना और डेंगू दोनों पर नियंत्रण रखा जा सके। दोनों बीमारियों के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और कमजोरी जैसी समानताएं होती हैं, जिससे समय पर जांच और पहचान करना और भी ज़रूरी हो जाता है।
राज्य सरकार द्वारा सभी जिला अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। हर अस्पताल में कोविड और डेंगू के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं, ताकि क्रॉस इंफेक्शन की संभावना न रहे। जनसामान्य से यह अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
आमजन के लिए जरूरी सावधानियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 से बचाव के लिए अब भी मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना, और भीड़भाड़ से बचना ज़रूरी है। वहीं डेंगू से बचाव के लिए शरीर को पूरी तरह ढक कर रखना, पानी को जमा न होने देना, और घर के आस-पास की सफाई रखना बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि डेंगू का वायरस एक विशेष प्रकार के मच्छर (एडीज एजिप्टी) के काटने से फैलता है जो दिन के समय सक्रिय होता है। इसलिए दिन में भी मच्छरों से बचाव के उपाय करना चाहिए।
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निष्कर्ष
उत्तराखंड में एक ओर जहां कोरोना के मामूली मगर लगातार सामने आ रहे मामले राज्य प्रशासन को अलर्ट पर बनाए हुए हैं, वहीं डेंगू के बढ़ते आंकड़े भी चिंता का विषय हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। शासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों ने मिलकर बीमारी की रोकथाम के लिए रणनीति बना ली है।
जनता से भी यही अपेक्षा है कि वे सतर्क रहें, आवश्यक सावधानियां बरतें और किसी भी तरह की लापरवाही न करें, ताकि स्वास्थ्य संकट को टाला जा सके।