दिल्ली और मुंबई के बाद अब हल्द्वानी में भी H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस के मामले सामने आने लगे हैं। डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (STH) की वेनेरियल डिजीज रिसर्च लैब (VDRL) में किए गए परीक्षण में पिछले दो महीनों में 12 मरीज पॉजिटिव पाए गए। इनमें से चार मरीज को भर्ती कर आवश्यक उपचार भी दिया जा चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने साफ-सफाई बनाए रखने, व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अपनाने और किसी भी लक्षण के दिखने पर चिकित्सक से सलाह लेने की सख्त सलाह दी है।
राज्य के विभिन्न अस्पतालों से लिए गए सैंपलों की जांच STH की VDRL लैब में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के दिशा-निर्देशों के तहत नि:शुल्क की जाती है। गले से सैंपल लेकर मॉलिक्यूलर टेस्टिंग द्वारा वायरस की पुष्टि की जाती है।
डा. उमेश (एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग) के अनुसार, जुलाई में कुल 109 सैंपल जांचे गए, जिनमें सात पॉजिटिव पाए गए। इनमें से छह केस H3N2 वायरस के थे, जबकि एक कोविड पॉजिटिव मिला। अगस्त में 104 सैंपलों में से छह और इंफ्लूएंजा के मामले सामने आए। कुल मिलाकर पिछले दो महीनों में 12 संक्रमित मरीज दर्ज किए गए हैं।
H3N2 इंफ्लूएंजा के प्रमुख लक्षण:
तेज बुखार
खांसी
गले में खराश
शरीर में दर्द
पेट में दर्द
कमजोरी
उल्टी
आंखों में जलन
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसएस कुंवर ने बताया कि H3N2 से बचाव के लिए आवश्यक है कि हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोया जाए। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। खांसी या जुकाम आने पर मुंह ढककर रखें। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें। तेज बुखार या सांस लेने में कठिनाई हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सावधानी ही इस वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके और जनस्वास्थ्य सुरक्षित रहे।