देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर राजधानी में पहली बार अत्याधुनिक ऑटोमेटेड कार पार्किंग सिस्टम की शुरुआत हो रही है, जिससे ट्रैफिक की जटिल समस्याओं से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इन अत्याधुनिक पार्किंग स्थलों का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जल्द किया जाएगा।
तीन प्रमुख स्थानों पर तैयार हुई है 246 वाहनों की पार्किंग क्षमता
देहरादून के तीन प्रमुख क्षेत्रों में कुल 246 वाहनों की क्षमता वाली स्वचालित पार्किंग सुविधाएं तैयार की गई हैं। यह पार्किंग स्थल निम्नलिखित स्थानों पर निर्मित किए गए हैं:
1. लैंसडाउन चौक से गांधी पार्क व परेड ग्राउंड के बीच
2. लैंसडाउन चौक स्थित तिब्बती मार्केट के सामने (बहुद्देशीय खेल भवन के पास)
3. कोरोनेशन अस्पताल परिसर
यह पहल विशेष रूप से शहर की बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या को देखते हुए उठाई गई है। जिलाधिकारी बंसल के अनुसार, स्मार्ट सिटी के दृष्टिकोण से यह सिस्टम न केवल पार्किंग की सुविधा देगा, बल्कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को भी नियंत्रित करने में सहायक साबित होगा।
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परियोजना की लागत और संरचना
इन पार्किंग स्थलों के निर्माण में कुल मिलाकर करोड़ों रुपये का निवेश किया गया है। प्रत्येक स्थान की पार्किंग क्षमता और लागत का विवरण इस प्रकार है:
स्थान निर्माण लागत पार्किंग क्षमता
बहुद्देशीय खेल भवन (तिब्बती मार्केट के पास) ₹4.96 करोड़ 132 वाहन
गांधी पार्क – परेड ग्राउंड मार्ग ₹3.91 करोड़ 96 वाहन
कोरोनेशन अस्पताल परिसर ₹80.63 लाख 18 वाहन
इस परियोजना में प्रयुक्त तकनीक पूरी तरह से स्वचालित और यांत्रिक प्रणाली पर आधारित है, जो कम से कम जगह में अधिकतम वाहनों को सुरक्षित ढंग से पार्क करने की सुविधा देती है।
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क्या है ऑटोमेटेड मेकेनिकल पार्किंग सिस्टम?
ऑटोमेटेड मेकेनिकल पार्किंग सिस्टम एक ऐसी तकनीकी प्रणाली है जो मल्टी-लेवल स्ट्रक्चर में वाहनों को खड़ी करती है। इसमें वाहन चालक को गाड़ी पार्क करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह पूरी प्रक्रिया स्वचालित मशीनों द्वारा संचालित होती है।
यह सिस्टम मल्टी-स्टोरी गैरेज की तर्ज पर काम करता है, जहां कारें एक के ऊपर एक निर्धारित स्लॉट्स में खड़ी की जाती हैं। इससे न केवल जमीन की बचत होती है, बल्कि समय और श्रम की भी।
सिस्टम का कार्य करने का तरीका:
1. वाहन चालक कार को पार्किंग के निर्धारित इंटरफेस/बेस प्लेटफॉर्म तक लाता है।
2. सभी यात्री कार से बाहर उतरते हैं।
3. चालक पास के टर्मिनल पर भुगतान करता है और एक टिकट या कोड प्राप्त करता है।
4. इसके बाद स्वचालित प्रणाली वाहन को उठाकर किसी उपलब्ध स्थान पर खड़ी कर देती है।
5. सिस्टम सबसे छोटे उपलब्ध स्लॉट का चयन करके गाड़ी को उसी में पार्क कर देता है।
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तकनीक के लाभ
इस ऑटोमेटेड पार्किंग सिस्टम से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि कई अन्य फायदे भी मिलते हैं:
कम जगह में अधिक पार्किंग क्षमता
वाहनों की सुरक्षा में इजाफा
मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं
तेजी से पार्किंग और निकासी प्रक्रिया
भूमि के उपयोग की अधिक दक्षता
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स्मार्ट सिटी की दिशा में एक ठोस कदम
देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। अभी तक पारंपरिक पार्किंग व्यवस्था में लोगों को गाड़ी पार्क करने में काफी समय और मेहनत लगती थी, जिससे अक्सर सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। लेकिन अब तकनीकी मदद से यह समस्या काफी हद तक सुलझाई जा सकेगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि भविष्य में ऐसे और भी ऑटोमेटेड पार्किंग स्पॉट शहर में विकसित किए जाएंगे, जिससे ट्रैफिक के साथ-साथ प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाया जा सके।
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निष्कर्ष
देहरादून में पहली बार शुरू हो रहा यह ऑटोमेटेड पार्किंग सिस्टम शहर के भविष्य के लिए बेहद अहम साबित होगा। यह न केवल नागरिकों की सहूलियत बढ़ाएगा, बल्कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी एक स्मार्ट और टिकाऊ समाधान प्रदान करेगा। आने वाले समय में इस तकनीक को अन्य शहरों में भी अपनाने की आवश्यकता होगी, ताकि पूरे राज्य में स्मार्ट और सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।