उत्तराखंड की बेटियां हर क्षेत्र में अपने परिश्रम और समर्पण से सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं, और पौड़ी जिले की शांभवी रौथाण ने एक नई मिसाल पेश की है। शांभवी ने हाल ही में जयपुर, राजस्थान में आयोजित ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता में गर्ल्स डबल्स अंडर 17 में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। इसके अलावा, मिक्स्ड डबल्स अंडर 17 में भी उन्होंने तीसरा स्थान प्राप्त किया, जिससे राज्य को एक और पदक प्राप्त हुआ।

 

कड़ी मेहनत और संघर्ष का परिणाम:

पौड़ी जिले के पौड़ी गांव की रहने वाली शांभवी रौथाण ने 8 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। वह हर दिन सुबह 4 बजे उठकर इंडोर कोर्ट में घंटों अभ्यास करती थी। उन्होंने बैडमिंटन की बारीकियां सीखने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। वह कई बार प्रतिस्पर्धाओं में हार गईं, लेकिन जीत की ओर निरंतर प्रयास करती रही। उन्होंने अपने जन्मदिन, शादियों और अन्य समारोहों की छुट्टियां छोड़कर सिर्फ अपनी प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित किया। शांभवी ने हमेशा अच्छे कोचों और अकादमियों से बैडमिंटन की तकनीकी समझ को और मजबूत किया।

माता-पिता का समर्थन:

शांभवी के माता-पिता दोनों शिक्षक हैं, और उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को प्रोत्साहित किया और उसे हर कदम पर समर्थन दिया। उनके प्रोत्साहन और मेहनत के बल पर शांभवी ने यह उपलब्धि हासिल की है।

 

आगे का लक्ष्य:

अब शांभवी का अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है। इसके लिए वह लगातार कठिन अभ्यास कर रही हैं और अपने लक्ष्य की ओर मजबूती से बढ़ रही हैं।

शांभवी की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का कारण है, बल्कि उत्तराखंड के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version