उत्तराखंड की राजनीति एक बार फिर बदलाव की आहट दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में जल्द ही नए चेहरे जुड़ सकते हैं और कुछ फेरबदल भी संभव है। माना जा रहा है कि इस बार मंत्रियों का कामकाज, उनके क्षेत्रों की स्थिति और जनता का रुझान अहम आधार बनेगा। साथ ही क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को साधने की कोशिश भी होगी।
भाजपा संगठन में हलचल
कैबिनेट से पहले प्रदेश भाजपा संगठन में भी बदलाव की संभावना है। नए पदाधिकारियों की नियुक्ति और खाली जगहों को भरने को लेकर पार्टी में चर्चा तेज है। कई वरिष्ठ नेता भी इसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
दिल्ली से देहरादून तक सक्रियता
राज्य मंत्रिमंडल में इस समय पाँच पद खाली हैं। 2022 से ही तीन पद रिक्त थे, इसके बाद अप्रैल 2023 में मंत्री चंदन राम दास के निधन और मार्च 2024 में प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे से दो और स्थान खाली हो गए। इन विभागों की जिम्मेदारी फिलहाल खुद मुख्यमंत्री धामी के पास है, जो 35 से ज्यादा विभाग संभाल रहे हैं।
चुनावी रणनीति के तहत बदलाव
2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन और मंत्रिमंडल को नया रूप देने की तैयारी कर रही है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और सांसदों की केंद्रीय नेतृत्व से कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।
अंदरूनी गुटबाजी भी सामने
बदलाव की चर्चा के बीच भाजपा के भीतर खींचतान भी देखने को मिली है। कुछ नेताओं के बीच पुराने मतभेद कम करने की कोशिशें चल रही हैं, वहीं आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखा गया। हालांकि हाईकमान की सख्ती के कारण स्थिति ज्या
दा नहीं बिगड़ी।