उत्तराखंड के टिहरी जिले से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। अंथवाल गांव के पास एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई, जिसमें दो सगे भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा शुक्रवार देर शाम हुआ जब दोनों भाई किसी जरूरी काम से बाहर गए थे और वापस अपने गांव लौट रहे थे।
हादसे का पूरा विवरण:
शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे के आसपास यह दर्दनाक हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार, कार में केवल दो ही लोग सवार थे – दोनों सगे भाई। जब वे अंथवाल गांव के पास एक मोड़ से गुजर रहे थे, तभी अचानक कार का संतुलन बिगड़ गया। बताया जा रहा है कि कार काफी तेज रफ्तार में थी और सड़क भी संकरी थी। अचानक गाड़ी फिसली और सीधा करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी।
हादसे की आवाज सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस और आपदा राहत टीम को सूचना दी गई। थोड़ी ही देर में एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। राहत कार्य शुरू किया गया, लेकिन जब तक दोनों को खाई से निकाला गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
मृतकों की पहचान:
हादसे में जान गंवाने वाले दोनों भाइयों की पहचान सुरेश सिंह (28 वर्ष) और नरेश सिंह (24 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों अंथवाल गांव के ही निवासी थे। परिवार खेती-बाड़ी से जुड़ा हुआ है और गांव में काफी समय से रह रहा है। हादसे की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
गांववालों का कहना है कि यह सड़क पहले से ही बहुत खतरनाक है। यहां कई बार पहले भी हादसे हो चुके हैं। सड़क संकरी होने के साथ-साथ किनारे पर सुरक्षा रेलिंग भी नहीं है, जिससे जरा सी चूक भारी पड़ सकती है। लोगों ने प्रशासन से इस मार्ग पर सुरक्षा उपाय करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए गए:
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की जांच की जा रही है। शवों का पोस्टमार्टम कराकर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है। प्रशासन की ओर से मृतकों के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया गया है। जिला प्रशासन ने बताया कि जल्द ही सड़क की हालत की समीक्षा की जाएगी और जरूरी सुधार कार्य करवाए जाएंगे।
निष्कर्ष:
यह हादसा न सिर्फ दो परिवारों के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। दो नौजवान भाइयों की इस तरह अचानक मौत होना बेहद दुखद और चिंताजनक है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि पहाड़ी क्षेत्रों की सड़कों की स्थिति को और बेहतर बनाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।