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हरिद्वार, उत्तराखंड – जिले के ज्वालापुर क्षेत्र में रविवार सुबह प्रशासन ने एक लंबे समय से विवादित मजार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे जेसीबी मशीन की मदद से ध्वस्त कर दिया। यह मजार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी हुई थी, जिसे लेकर वर्षों से विवाद चल रहा था। प्रशासन की यह कार्रवाई सुनियोजित ढंग से भारी पुलिस सुरक्षा के बीच की गई, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति नहीं बनी।

सुबह-सुबह की गई गोपनीय कार्रवाई

प्रशासन ने यह अभियान रविवार तड़के शुरू किया, जब अधिकांश लोग अपने घरों में थे। जेसीबी मशीन के जरिए पक्के निर्माण को मिनटों में जमींदोज कर दिया गया। कार्रवाई को इतनी गोपनीयता और कुशलता से अंजाम दिया गया कि स्थानीय लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी। पुलिस और सिंचाई विभाग की टीम संयुक्त रूप से मौके पर मौजूद रही, जिससे माहौल पूरी तरह नियंत्रण में रहा।

हिंदू संगठनों की आपत्ति के बाद तेज हुई कार्रवाई

यह मजार हरिलोक तिराहे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित थी। हिंदूवादी संगठनों का कहना था कि यह धार्मिक ढांचा अवैध रूप से सरकारी भूमि पर बना हुआ था। कई बार इसको हटाने की मांग उठ चुकी थी, और विरोधस्वरूप संगठनों ने हनुमान चालीसा पाठ, धरना-प्रदर्शन और मूर्ति स्थापना की चेतावनी तक दी थी। प्रशासन द्वारा पहले आश्वासन देकर स्थिति को शांत किया जाता रहा, लेकिन मांग लगातार बनी रही।

दो साल पहले भी हो चुकी थी आंशिक कार्रवाई

करीब दो वर्ष पूर्व इस मजार के एक हिस्से को हटाया गया था, तब मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया था। हालांकि उस समय मुख्य ढांचे को नहीं छुआ गया था। अब जाकर पूरी योजना के तहत इस मजार को पूरी तरह से हटाया गया है।

योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति से जुड़ी चर्चा

इस कार्रवाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चर्चित ‘बुलडोजर नीति’ से जोड़ा जा रहा है, जिसके तहत अवैध निर्माणों को कानून के दायरे में लाकर हटाया जाता है। हरिद्वार में इस प्रकार की कार्रवाई ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली को चर्चा में ला दिया है।

प्रशासन की स्थिति स्पष्ट – सरकारी जमीन पर कोई अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं

प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह जमीन यूपी सिंचाई विभाग की थी और उस पर किसी भी प्रकार का निजी या धार्मिक निर्माण कानूनन मान्य नहीं है। भविष्य में भी किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अगर चाहो तो मैं इस खबर में वीडियो फुटेज, चश्मदीदों की प्रतिक्रिया या राजनैतिक प्रतिक्रिया जैसे सेक्शन भी जोड़ सकता हूँ।

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