उत्तराखंड की रजत जयंती के अवसर पर हल्द्वानी में आयोजित भव्य सैनिक सम्मेलन में आज देश की रक्षा में अपना योगदान देने वाले पूर्व सैनिकों का शौर्य और गौरव देखने को मिला। कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों—विशेषकर नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, उनके परिजन और वीर नारियां शामिल हुईं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। पंडाल में प्रवेश करते ही उन्होंने पुष्पवर्षा कर पूर्व सैनिकों का आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले हमारे सैनिकों का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उत्तराखंड वीरभूमि है, और यहाँ का हर परिवार राष्ट्रसेवा से जुड़ा हुआ है।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने तैयारियों का निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि किसी भी आगंतुक को असुविधा न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि व्यवस्था सुचारू रहे और सभी अतिथियों का सम्मानपूर्वक स्वागत किया जाए।
इस मौके पर वीर नारियों को सम्मानित किया गया तथा सैन्य परिवारों से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए विशेष स्टॉल भी लगाए गए। सम्मेलन में पूर्व सैनिकों के लिए भोजन और आराम की भी उत्कृष्ट व्यवस्था की गई थी, ताकि दूर-दराज से आने वाले प्रतिभागियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, मेयर गजराज बिष्ट, डीएम ललित मोहन रयाल, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान, नगर आयुक्त पारितोष वर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
हल्द्वानी का यह सैनिक सम्मेलन न केवल पूर्व सैनिकों के सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि उत्तराखंड की वीरता, अनुशासन और देशभक्ति की परंपरा का जीवंत प्रमाण भी रहा।






