देहरादून में आयोजित वीआईपी वाहन नंबरों की नीलामी में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जहां अब तक ‘0001’ नंबर सबसे महंगा और लोकप्रिय माना जाता था, वहीं इस बार ‘जेम्स बांड’ सीरीज के प्रतीक ‘0007’ नंबर ने सबको पछाड़ दिया। यह नंबर सात लाख रुपये में नीलाम हुआ, जबकि ‘0001’ नंबर सिर्फ ढाई लाख रुपये में बिका।
पिछले चार वर्षों से लगातार सबसे ऊंची बोली हासिल करने वाला ‘0001’ इस बार तीसरे स्थान पर खिसक गया। दूसरे स्थान पर ‘0005’ नंबर रहा, जो 6.73 लाख रुपये में बिका। ‘0007’ नंबर को पंकज मलिक नाम के व्यक्ति ने खरीदा, जबकि ‘0005’ को शिवम निशाद ने अपने नाम किया। परिवहन विभाग के मुताबिक, बोली की शुरुआत 25 हजार रुपये से हुई थी और सफल बोलीदाताओं को दो दिन के भीतर राशि ऑनलाइन जमा करनी होगी।
इस बार विभाग ने (यूके-07एचएफ) 28 और (यूके-07एचई) सीरीज के लिए नीलामी आयोजित की थी। खास बात यह रही कि 0007 नंबर ने न केवल लोकप्रियता में बल्कि कीमत में भी सभी को पीछे छोड़ दिया। 0001 नंबर, जो पहले 14 लाख रुपये तक बिका था, इस बार मात्र ढाई लाख में सिमट गया।
आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि जो वाहन स्वामी तय समय पर राशि जमा नहीं करेंगे, उनके नंबर अगली नीलामी में शामिल कर दिए जाएंगे। इस नीलामी में चौथा स्थान ‘1111’ नंबर ने दो लाख 31 हजार रुपये की बोली के साथ हासिल किया, जबकि पांचवें स्थान पर ‘0003’ नंबर दो लाख रुपये में बिका।
इसके अलावा 0002 नंबर 1.20 लाख, 0008 नंबर 70 हजार, 9999 नंबर 63 हजार, 4444 नंबर 57 हजार, और 7777 नंबर 52 हजार रुपये में बिके। वहीं, इस बार दून में कभी लोकप्रिय रहा ‘0786’ नंबर किसी ने नहीं खरीदा। बोली के लिए उपलब्ध होने के बावजूद, इस नंबर पर किसी ने भी रुचि नहीं दिखाई।
देहरादून की इस नीलामी में यह स्पष्ट हो गया कि अब स्टेटस सिंबल बदल रहा है — जहां पहले ‘इक्का’ (0001) का जलवा था, वहीं अब ‘बांड’ (0007) नंबर नई पहचान बनकर उभरा है।







