उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के बाद भूस्खलन और भू-धंसाव की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में यमुनोत्री हाईवे पर पाली गाड़ के पास भारी भू-धंसाव हुआ है, जिसके कारण हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। इस मार्ग पर दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के वाहन फंसे हुए हैं।
यह घटना शनिवार सुबह सामने आई जब स्थानीय प्रशासन को जानकारी मिली कि पाली गाड़ के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया है। इससे मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। बताया जा रहा है कि सुबह से ही सैकड़ों श्रद्धालु, जो यमुनोत्री धाम की यात्रा पर थे या वहां से लौट रहे थे, इस मार्ग पर फंसे हुए हैं। कई घंटे बीत जाने के बाद भी आवाजाही बहाल नहीं हो सकी है।
प्रशासन ने शुरू किया राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग (PWD), पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते कार्य में बार-बार रुकावट आ रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, भू-धंसाव का क्षेत्र काफी बड़ा है और सड़क पूरी तरह से धंस चुकी है, जिससे उसे दुरुस्त करने में समय लग सकता है। अनुमान है कि यदि मौसम साफ रहा तो शाम तक सड़क को आंशिक रूप से खोल दिया जाएगा। लेकिन यदि बारिश जारी रही, तो कार्य में देरी हो सकती है।
श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी
हाईवे बंद होने से दोनों ओर फंसे यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के किनारे कई गाड़ियाँ खड़ी हैं और लोग अपने वाहन में ही समय बिता रहे हैं। कुछ श्रद्धालु भोजन और पानी की कमी की शिकायत भी कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को राहत सामग्री उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे धैर्य रखें और जब तक मार्ग पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाता, तब तक सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। प्रशासन ने यह भी कहा है कि सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालकर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।
चारधाम यात्रा पर असर
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस समय चरम पर है और लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन के लिए आ रहे हैं। लेकिन मौसम की बेरुखी और सड़क मार्गों की खराब स्थिति यात्रा में बाधा बन रही है। विशेषकर यमुनोत्री मार्ग पर बार-बार भू-धंसाव और मलबा गिरने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार और प्रशासन लगातार यह दावा कर रहे हैं कि चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि अब भी कई जगहों पर मूलभूत ढांचे को सुधारने की जरूरत है।
स्थानीय लोगों की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। उनका कहना है कि हर साल बरसात के समय यही स्थिति बनती है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है। लोगों की मांग है कि ऐसे संवेदनशील स्थलों पर पक्की दीवारें बनाई जाएं और पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था हो।
क्या है पाली गाड़?
पाली गाड़ उत्तरकाशी जिले में स्थित एक नदीनुमा गाड़ (छोटा जलस्रोत) है, जो बरसात के समय काफी उफान पर आ जाती है। इस क्षेत्र में पानी के तेज बहाव और ढीली मिट्टी के कारण अक्सर भू-स्खलन की घटनाएं होती हैं। यही कारण है कि यह इलाका हमेशा से हाईवे बाधित होने की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। अगले 48 घंटों में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन को सलाह दी गई है कि वह संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी रखे और यात्रियों को आवश्यक दिशा-निर्देश समय पर दे।
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निष्कर्ष
पाली गाड़ के पास यमुनोत्री हाईवे पर भू-धंसाव की यह घटना न केवल सड़क परिवहन की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि बारिश के मौसम में सुरक्षा उपायों की तैयारियों पर भी सवाल उठाती है। हालांकि प्रशासन राहत और मरम्मत कार्य में लगा हुआ है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्थायी समाधान ढूंढना बेहद जरूरी है।