देहरादून। 26 जुलाई को देशभर में कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस मौके पर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए राजधानी देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर एक भावपूर्ण समारोह आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और वीरांगनाओं को सम्मानित किया। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी समेत कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके कई पूर्व सैनिक भी मौजूद रहे।
उत्तराखंड के 75 वीर सपूतों ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। जिलेवार देखें तो देहरादून से 25, पौड़ी से 13, टिहरी से 12, नैनीताल से 6, चमोली से 5, पिथौरागढ़ से 4, अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग से 3-3, बागेश्वर व उधम सिंह नगर से 2-2 जवान शामिल थे। प्रदेश के इन जांबाज़ों को उनकी वीरता के लिए महावीर चक्र, वीर चक्र, सेना मेडल और मेंशन इन डिस्पैच जैसे सम्मानों से नवाजा गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के हित में कई घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि चमोली के कालेश्वर में ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक और सैनिक विश्राम गृह बनाया जाएगा, वहीं नैनीताल में भी एक विश्राम गृह स्थापित होगा। साथ ही, उपनल (UPNL) के ज़रिए पूर्व सैनिकों को विदेश में रोजगार देने की योजना भी शुरू की जाएगी, जिसमें 50% स्थान सिविल युवाओं के लिए आरक्षित होंगे।
सीएम ने बताया कि अब तक उपनल के माध्यम से 22,000 लोगों को रोजगार मिला है और इनकी सेवा नियमित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य राज्य है और सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही
है।